लेखक- वरिष्ठ पत्रकार चैतन्य भट्ट
इस कोरोना ने तो सचमुच आदमी को पागल सा कर दिया है, देश की आधे से ज्यादा आबादी तो डाक्टर बन गई है, हर आदमी कोरोना से बचने का एक न एक फॉर्मूला अपनी अपनी जेब में रखे घूम रहा हैl
उधर 'एलोपैथी' वाले अपनी दवाई बतला रहे है तो बाबा ने 'आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल' बना कर उसकी बिक्री शुरू कर दी है, आगरा के एक होम्योपैथी कालेज के प्रिंसिपल साहेब ने घोषणा कर दी है कि कोरोना सिर्फ 'होमिओपेथी' से 'क्योर' हो सकता है जड़ी बूटी वाले अलग अपनी जड़ी बूटियों को लेकर कोरोना से लड़ाई लड़ने का दावा कर रहे हैं, अब आदमी परेशान है कि वो करे तो क्या करे, कोरोना से कैसे बचे, होमिओपेथी की मीठी गोलियाँ ले या एलोपैथी की दवा ले या बाबा क़ी कोरोनिल गटके।
दूसरी तरफ 'यूं ट्यूब' के जानकार भी रोज रोज नया वीडिओ डालकर 'कन्फ्यूज' करे पड़े है 'बस ये काढ़ा पी लो कोरोना तो क्या कोरोना का बाप भी आप का कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा', 'कुछ नहीं मात्र दस दिन इस तेल से शरीर क़ी मालिश कर लो कोरोना छू भी नहीं पायेगा आपको' देशी इलाज भी इन दिनों मार्किट में धूम मचाये पड़े है कोई 'नीम के पेड़' पर चढ़ कर सुबह से शाम तक उसी पर बैठा है, तो कोई 'गिलोय की बेल' से लटके पड़ा है, कोई 'पीपल की जड़ उखाड़ने' में जुटा है तो कोई अदरक, नीबू, लहसुन, घोल कर पिये जा रहा है, कोई 'धनिया की पत्ती' चबा रहा है तो कोई 'परवल के छिलके' का काढ़ा बना कर पी रहा है, कोई गुड़, शहद, अदरक, मिर्ची, जीरा, दालचीनी का घोल 'बना रहा है तो कोई 'एलोवेरा' का रस शरीर में पोत रहा हैl
जिस तरह से नीम, बबूल, पीपल, बरगद के पेड़ों से इलाज की बाते बतलाईं जा रही हैं उसे देखकर तो लगता है कि कुछ दिनों में ये सारे पेड़ ही गायब हो जाएंगे, क्योकि जिस गति से इनके पत्ते, तना, टहनियां और जड़ें कोरोना के पेशेंट उखाड़े पड़े है उससे तो इन सबका बचना मुश्किल हैl कोरोना का डर इतना ज्यादा समा गया है दिलो दिमाग में कि कोई भी कुछ बताता है आदमी घर जाकर सबसे पहले वो ही करता हैl बाबा ने कह दिया योग से कोरोना असर नहीं करेगा तो लोग योग करने लगे, किसी ने बता दिया कि 'शीर्षासन' से कोरोना नहीं होगा तो जिसे देखो वो ही 'सर के बल' खड़ा दिखाई दे रहा है किसी ने 'भुजंगासन' से कोरोना को मात देने क़ी बात कर दी तो आदमी 'सांप जैसा फुफकारने' लगाl वैसे भी भारत में सलाह देने वालो की कमी तो है नहीं, एक मांगो हजार सलाह 'अवेलेबल' हैं तो अपनी भी एक सलाह है कि इन सबको छोडो चुपचाप जाकर कोरोना से ही पूछ लो कि भैया तुम ही बता दो तुमसे बचने का क्या उपाय है जैसे 'भीष्म' ने अपनी मृत्यु का उपाय 'अर्जुन' को बतला दिया था हो सकता है कोरोना भी दया खाकर अपने विनाश का उपाय आपको बतला देl
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