नशे की ग्रस्त में युवा पीढ़ी,आखिर जिम्मेदार कौन?

सरवर सिद्दीकी

पिरान कलियार: नशे से ग्रस्त युवा पीढ़ी जिसके कारण बहुत से माँ-बाप ने अपने जवान बेटो को मौत की अघोश में तड़प तडप कर जान गवाते हुए देखा है। लेकिन कितने ही युवा पीढ़ी ने नशे की लत के कारण चोरी का रास्ता इख्तियार कर लिया है, और चोरी की घटनाओ में बढ़ोतरी हो रही है।दिन-प्रतिदिन चोरिया होती रहती हैं।

अगर देखा जाए तो बच्चो के इन हालत के पीछे माँ-बाप जिम्मेदार है खास कर माँ का विशेष रोल होता है जो अपने बच्चो की सभी गलतियों को अनदेखा करती है और उनकी गलतियों पर पर्दा डालती है जिस कारण बच्चे का हौसला बुलन्द होता है और एक समय यह आता है कि बच्चा माँ-बाप की पकड़ से दूर हो जाता है और नशे का आदि हो जाता है।
अगर माँ-बाप वक्त रहते अपने बच्चो की ओर ध्यान दे तो बच्चो के ये हालात न हो।

खास कर माँ-बाप को अपने बच्चो पर ज्यादा ध्यान तब देना चाहिए जब वह बचपन से किशोरावस्था की ओर अपने पहले कदम रखते है क्योंकि यही वो समय होता है जब बच्चे अपने मानसिक बदलाव के कारण गलत बातो में आ जाते है और उस समय उन्हें पता नही होता कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत।

बात करते है पुलिस की जो नशा कारोबारियों की पकड़ में लगे रहते हैं और कितनो को जेल की सलाखों के पीछे भी भेज चुके हैं लेकिन नशा कारोबारियों का बड़ा नेटवर्क होने की वजह से नशे का कारोबार कम नही होता है लेकिन अगर देखा जाए तो नशे का कारोबार करनेवालो को पकड़ने का कर्तव्य पुलिस के साथ साथ हमारा भी है।

 उन्हें पकड़वाने का हम सब का भी फर्ज बनता है क्योंकि अगर अपने बच्चो को नशे से बचाना है तो नशा बेचने वालों के खिलाफ हमे पुलिस की मदद के लिए आगे आना होगा तब जाकर हमारे बच्चे नशे से मुक्त रह पाएंगे।

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