नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 79वां एपिसोड के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कारगिल युद्ध से लेकर अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के बारे में चर्चा की। टोक्यो ओलंपिक में गए भारतीय दल को चियर करने की अपील करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो गए देश के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाना जरूरी है। पीएम ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि त्योहारों के दौरान यह भूले नहीं कि कोरोना हमारे बीच से गया नहीं है। इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन भी करते रहें।
पीएम ने कहा कि देश में आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर मनाया जा रहा अमृत महोत्सव कार्यक्रम न तो किसी सरकार का या फिर किसी राजनीतिक दल का है बल्कि देश की जनता का है।पीएम ने देशवासियों से आह्वान किया कि जिस प्रकार देश की आजादी के लिए सभी लोग एकजुट हो गए थे उसी प्रकार सभी को देश के विकास के लिए एकजुट होना है।
पीएम ने कहा कि इस साल 15 अगस्त को देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है और जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने की आज की पीढ़ी साक्षी बन रही है। इस अवसर पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है जिसकी मूल भावना अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना और उनके सपनों का देश बनाना है। यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है।
पीएम ने देशवासियों से देश के लिए काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि इसमें छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला देते हैं।वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने के लिए रोज के काम काज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं।पीएम ने इस अवसर पर देशवासियों से भारत छोड़ो आंदोलन की तर्ज पर भारत जोड़ो आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
पीएम ने कहा राष्ट्र सर्वप्रथम और हमेशा सर्वप्रथम के मंत्र के साथ ही हमें आगे बढ़ना है तो आइए, हम अमृत महोत्सव पर यह अमृत संकल्प लें कि देश ही हमारी सबसे बड़ी आस्था, सबसे बड़ी प्राथमिकता बना रहेगा।
पीएम ने टोक्यो ओलंपिक का उल्लेख करते हुए कहा कि जब हाथों में तिरंगा लेकर भारतीय दल को वहां उन्होंने चलते देखा तो पूरा देश गौरवान्वित हो गया। पिछले दिनों खिलाड़ियों से अपने संवाद का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि इन खिलाड़ियों ने कई चुनौतियों और संकट का सामना करने के बाद ओलंपिक दल में अपनी जगह बनाई।
पीएम ने देशवासियों से ओलंपिक खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने की अपील की और कहा कि जो देश के लिए तिरंगा उठाता है, उसके सम्मान में, भावनाओं से भर जाना स्वाभाविक ही है। कल यानि 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस भी है। करगिल का युद्ध, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम का ऐसा प्रतीक है जिसे पूरी दुनिया ने देखा। इस बार ये गौरवशाली दिवस भी अमृत महोत्सव के बीच मनाया जाएगा। मैं चाहूंगा कि आप करगिल के रोमांचित कर देने वाली गाथा जरूर पढ़ें, करगिल के वीरों को हम सब नमन करें।
पीएम ने इस दौरान कहा कि राष्ट्रगान को लेकर 15 अगस्त को अनोखा प्रयास किया जाएगा और आप लोगों से मिले सुझाव ही मन की बात की असली ताकत है। आपके सुझाव ही मन की बात के माध्यम से भारत कि विविधिता को प्रकट करते हैं, भारवासियों के सेवा और त्याग के खुशबू को चारों दिशाओं में फैलाती हैं। हमारे मेहनतकश युवाओं के इनोवेशन से सबको प्रेरित करते हैं। मन की बात में आप की कई तरह के आइडिया भेजते हैं। हम सभी पर तो नहीं चर्चा कर पाते हैं, लेकिन उनमें से बहुत आइडिया को मैं संबंधित विभागों को जरूर भेजता हूं ताकि उन पर आगे का काम किया जा सके।
पीएम ने मणिपुर में बढ़ रही सेब की खेती का भी जिक्र किया। खेती में नए काम हो रहे हैं और लोगों की रचनात्मकता भी बढ़ रही है।पीएम ने लखीमपुर खीरी में महिलाओं को केले के तने से फाइबर बनाने की ट्रेनिंग देने का भी जिक्र किया। केले के आटे से केरल में गुलाबजामुन और डोसा बनाए जा रहे हैं। लखीमपुर खीरी की तरह यहां भी नए इनोवेशन को महिलाएं लीड कर रही हैं। पीएम ने कहा संभव हो तो इसका प्रयोग भी कीजिए।
पीएम ने कहा कि अपने लिए तो संसार में हर कोई जीता है। असल में जो परोपकार के लिए जीता है वो ही असल में जीता है। पीएम ने इस दौरान चंडीगढ़ के संजय राणा का जिक्र किया जो कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को फ्री में छोले भटूरे दे रहे हैं। इन बातों से पता चलता है कि हम नौकरी के साथ- साथ परोपकार का भी काम कर सकते हैं। पीएम ने कहा कि त्योहारों के समय में यह ध्यान रखना है कि कोरोना वायरस हमारे बीच से गया नहीं है। इसलिए जरूरत है कि हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें।
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