रिपोर्ट - उर्वशी शर्मा (लखनऊ)
लखनऊ: यूपी के मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, रूल्स एवं मैनुअल, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक ( एडीजी ) जसवीर सिंह ने तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी ) ओ. पी. सिंह को साल 2018 की 9 मई को पत्र लिखकर तत्कालीन आईजी अमिताभ ठाकुर द्वारा संयुक्त निदेशक नागरिक सुरक्षा के पद पर रहते अपनी एक अधीनस्थ महिला अधिकारी का फ़ोन अनधिकृत रूप से टेप कराने आदि आपराधिक कृत्यों की एफआईआर दर्ज कराने और सीबीआई जैसी स्वतंत्र इकाई से जांच कराने की संस्तुति की थी. बताते चलें कि इसी चिठ्ठी में जसवीर ने अमिताभ के खिलाफ प्राथमिकी के आलावा विभागीय कार्यवाही कराने की संस्तुति भी डीजीपी से की थी.
चर्चा आम है कि अमिताभ ने ओ. पी. सिंह को इस पत्र को दबा देने पर मजबूर कर दिया था जिसकी बजह से अमिताभ उस समय अपनी एक अधीनस्थ महिला अधिकारी का फ़ोन अनधिकृत रूप से टेप कराने आदि आपराधिक कृत्यों की एफआईआर और सीबीआई जांच जैसी कार्यवाही से बच गए थे लेकिन जैसे कि सरकारी अमलों में कहा जाता है कि कागज कभी नहीं मरता इसीलिये अब जसवीर सिंह की यह चिट्ठी सामने आने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार द्वारा अमिताभ ठाकुर को जबरिया रिटायर करने में जसवीर सिंह की इस चिट्ठी की भी महत्वपूर्ण भूमिका जरूर रही होगी.
खैर, सच चाहे कुछ भी हो पर बड़ा सबाल यह है कि इस चिठ्ठी के सामने आने के बाद आखिर कब सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ महिला अस्मिता की रक्षा के लिए इस मामले में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ अधीनस्थ महिला की जासूसी कराने की एफआईआर दर्ज कराकर सीबीआई से जांच कराएँगे.
0 टिप्पणियाँ