गंगा मैया मान जाओ-अब तो घट जाओ' के अनुनय विनय के साथ हुई आरती

  • प्रार्थना कार्यक्रम में हर वर्ग के लोग शामिल

  • गंगा हुई स्थिर तो घबराहट भी हुई स्थिर


मिर्जापुर। आकाशीय बादलों से अवतरित होकर देवतीर्थधाम उत्तराखंड के रास्ते विंध्यधाम और काशी की ओर आई गंगा के विराट रूप से वही स्थिति हो गई जो भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को देखकर अर्जुन की हो गई थी। अर्जुन की घबराहट की तरह इन दिनों गंगा के विराट स्वरूप से जनसामान्य में हाहाकार मच गया है। जब भी विकराल स्थिति आती है और उसका सामना करने में मानवीय-व्यवस्था निष्फल हो जाती है तब सिर्फ ईश्वरीय प्रार्थना का ही उपाय निकलता है।

इसी क्रम में नगर के गैबीघाट स्थित हनुमान मन्दिर में गुरुवार 12 अगस्त को प्रार्थना शुरू हुई। एक घण्टे प्रार्थना के बाद श्रद्धालु गण *' गंगा मैया मान जाओ, छोड़ो अपना रौद्र रूप-अब तो घट जाओ'* अनुनय-विनय के साथ निकल पड़े गंगा को मनाने।

प्रार्थना-यात्रा में लोग जुड़ते गए

गैबीघाट से जब मन्दिर के पुजारी रामानुजदास के साथ श्रद्धालु निकले तो रास्ते में लोग जुड़ते गए। एक किमी यात्रा के साथ नगर के त्रिमोहानी स्थित गणेश जी मन्दिर में आकर मां को मनाने के लिए मातृ- भक्ति के सबसे बड़े आदि देवता गणेश जी का सहारा लिया गया। गणेशजी का पूजन-अर्चन कर उनकी कृपा ली गई फिर नारघाट आकर विधिवत पूजन, आरती, घण्टा-घड़ियाल के साथ मंत्रपाठ और प्रसाद वितरण किया गया।

नन्हें बच्चों से कराई गई आरती

घाट पर मौजूद 3-4 साल से लेकर 9-10 साल तक के बच्चों से आरती और मनौती कराई गई। मान्यता है कि 19 साल तक के बच्चे जब मनौती करते हैं तब देव-शक्तियाँ जल्दी पसीज जाती है। यहां दर्जनों महिलाओं ने भी लोकहित के लिए प्रार्थना की।

कार्यक्रम में हर समुदाय के नर-नारी सम्मिलित रहे। आयोजक मण्डल में सलिल पांडेय, हरिश्चंद्र यादव, वंदना गुप्ता, विजय निषाद, कन्हैया, रवि, महेंद्र, सिंघड़, नगीना, राहुल, विकास एवं पंकज आदि उपस्थित रहे।

अनुनय-विनय के बीच खबर आने लगी कि गंगा स्थिर हो गईं हैं

12/8 को 8 बजे तक एक सेमी की गति से बढ़ती हुई गंगा प्रार्थना के स्थिर होने की खबर आने लगी। केंद्रीय जल आयोग दो-दो घण्टे पर जलस्तर नापता रहा। इसी के साथ प्रयागराज जिले से भी घटने की खबर आने लगी। गंगा के घटने की खबर से प्रभावित इलाके में घबराहट कुछ कम रही।

सलिल पांडेय, मिर्जापुर।

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