सस्पेंड ग्राम प्रधान जगन्नाथ यादव |
- सुल्तानपुर- कूरेभार के महमूदपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा के कार्यों में अनियमित्ता का मामला।
- महमूदपुर गांव के विकास के लिए त्रिस्तरीय समिति का गठन करने का जिलाधिकारी ने दिया आदेश
- प्रधान ने कहा जिलाधिकारी को गुमराह करते हुए राजनीति से प्रेरित करवाया गया आदेश
सुलतानपुर, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो रिपोर्ट :
सुल्तानपुर के कूरेभार ब्लॉक के महमूदपुर गांव में प्रथम दृष्टया जांच में मनरेगा के कार्यो में 22.50 लाख रुपए का दुरुपयोग होने का एक मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने जांच रिपोर्ट व नोटिस का जबाब संतोषजनक नहीं होने पर ग्राम प्रधान के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार को सीज करने की कार्यवाही की है। इसके साथ ही तकनीकी सहायक के खिलाफ तीन दिवस के भीतर कार्यवाही करने का आदेश दिया है। इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संबंधित प्रधान ने भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क को बताया कि उन्होंने सभी कार्य पूरी इमानदारी से करवाए हैं. शिकायतकर्ता अपने आप को भाजपा नेता बताता है और भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के दबाव में राजनीति प्रेरित यह आदेश है. माननीय जिला अधिकारी को तथ्यों से गुमराह किया गया जिसके चलते मेरे खिलाफ यह आदेश आया है।
आपको बता दें कि ,विकास खण्ड कूरेभार की ग्राम पंचायत महमूदपुर में मनरेगा योजना के तहत खेत का समतलीकरण, इन्टरलाकिंग कार्य, मिट्टी खड़जा कार्य में अनियमितता करने की शिकायत इसी गांव के निवासी प्रदीप मिश्रा द्वारा सशपथ की गई थी। मामले की जांच डीसी मनरेगा विनय कुमार वर्मा ने किया था। जांच के दौरान 22 लाख 55हजार से अधिक रुपए का दुरुपयोग करने का मामला प्रकाश में आया था। प्रधान श्री जगन्नाथ यादव,तकनीकी सहायक संजय कुमार श्रीवास्तव व सेक्रेटरी श्रीमती शगुफ्ता शबनम को नोटिस जारी की गई थी। नोटिस के जबाब का आकलन करने के बाद तैयार की गई आख्या के आधार पर जिला अधिकारी रबीश गुप्ता ने महमूदपुर के ग्राम प्रधान जगन्नाथ यादव का समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों व कृत्यों के सम्पादन का पर रोक लगा दिया है। प्रश्नगत प्रकरण की अन्तिम जांच के लिए जिला प्रशिक्षण अधिकारी सुलतानपुर व अधिशासी अभियंता जलनिगम को नामित किया है। तकनीकी सहायक संजय कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ तीन दिवस के भीतर कार्यवाही के लिए डीसी मनरेगा को निर्देशित किया है। जिला पंचायतराज अधिकारी को गांव के विकास कार्य कराने के लिए त्रिस्तरीय समिति का गठन करने व सेक्रेटरी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। जिला पंचायतराज अधिकारी आरके भारती ने बताया कि प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक समस्त अधिकारियों के संचालन पर रोक लगा दी गई है।
इस संबंध में गांव पंचायत की सेक्रेटरी शगुफ्ता शबनम ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया तो दूसरी ओर ग्राम प्रधान धनंजय यादव ने भगीरथ प्रयास से बातचीत करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने उनके खिलाफ ग्राम प्रधान पद का चुनाव लड़ा था और अपनी पत्नी को गांव पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़वाया था. शिकायतकर्ता चुनाव में पराजित हुए थे और अब राजनीतिक दांवपेच लगाकर जिलाधिकारी को तथ्यों
से गुमराह करके यह आदेश करवाया गया है. वास्तव में शिकायतकर्ता त्रिस्तरीय सदस्य समिति के माध्यम से अपनी पत्नी को प्रधान बनवाने की कोशिश में है. प्रधान ने दावा किया कि विकास कार्यों को शुरू करते समय संपादित करते समय और समाप्त करते समय की फोटो उन्होंने अपने स्पष्टीकरण के दौरान देने की कोशिश की थी किंतु उसे उस समय उसे स्वीकार नहीं किया गया और अब उसी आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जहां तक बात इंटरलॉकिंग वाली सड़क की है तो वह सड़क बनवाई गई थी उसे रातों-रात उखाड़ कर फेंक दिया गया था यह बात मैंने अपने स्पष्टीकरण में लिखित रूप में दी थी और इसे लेकर पुलिस में शिकायत भी की है किंतु इसका संज्ञान नहीं लिया गया. प्रधान यादव ने यह भी भरोसा जताया कि अंतिम जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और वह निर्दोष साबित होंगे।
बहरहाल कूरेभार ब्लॉक के महमूदपुर गांव के प्रधान को जिला अधिकारी की ओर से सस्पेंड किए जाने का यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है. अब देखना यह है कि इस पूरे मामले की परिणति क्या होती है।
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