हरदोई पुलिस उत्कृष्टता की ओर बढ़ते क़दम



गुण्डा ऐक्ट के अंतर्गत कार्यवाही करने में हरदोई पुलिस पूरे प्रदेश में अव्वल आई है। 

इसके अलावा जनपद हरदोई में लूट एवं हत्या जैसे अपराधों में विगत वर्षों के सापेक्ष भारी गिरावट दर्ज की गई है।

सार्वजनिक स्थलों पर अश्लीलता करने वाले शोहदों पर कार्यवाही करने में हरदोई पुलिस पूरे प्रदेश में अव्वल आई है। यहाँ भारतीय दंड विधान की धारा 294 IPC के तहत सर्वाधिक कार्यवाही की गई है।

इसके अलावा, अवैध शराब के कुख्यात माफियाओं हिस्ट्रीशीटर सुभाष पाल एवं हिस्ट्रीशीटर मुकेश अवस्थी गिरोह के बदमाशों की ₹ 3,00,00,000 /- (रूपए तीन करोड़) से भी अधिक क़ीमत की काली कमाई को ज़ब्त करने का काम किया गया है।

जनसुनवाई (IGRS) से संबंधित हज़ारों प्रार्थना पत्रों में एक भी मामला डिफॉल्टर श्रेणी में नहीं आने पाया है, यानि हर एक मामले का निस्तारण किया गया है। कुछ मामलों में फरियादी पूर्णत: संतुष्ट नहीं हुए हैं।

जनसुनवाई में फरियादियों को पूर्ण रूप से संतुष्ट करने के लिए एसएसपी हरदोई अजय कुमार ने जहाँ एक तरफ़ सर्वाधिक ख़राब प्रदर्शन करने वाले 5 (पाँच) थाना प्रभारियों / उपनिरीक्षकों को लाइन हाज़िर/ सस्पेंड किया है, वहीं दूसरी तरफ़ 14 तेज़ तर्रार महिला आरक्षियों एवं महिला उपनिरीक्षकों की एक मज़बूत टीम बनाई है और इस टीम का नाम रखा है हाल चाल दस्ता। इस टीम का सिद्धांत है संवाद से शांति का सतत् प्रयास।

यह हाल चाल दस्ता पूरे प्रदेश में एक नवीन पहल के रूप में सामने आया है। यह एक ‘कॉल सेंटर’ की तर्ज़ पर स्थापित किया गया है। इसमें काम कर रही महिला आरक्षी एवं महिला उपनिरीक्षक जनपद की सबसे तेज़ तर्रार पुलिस कर्मी हैं। इनके द्वारा रोज़ ही फरियादियों को कॉल किया जाता है और उन सभी से यह पूछा जाता है कि

1. आपके मामले में पुलिस पहुँची या नहीं?
2. अगर समय से पुलिस पहुँच गई है तो उनका व्यवहार ठीक था या नहीं?
3. मामले का निस्तारण हुआ या नहीं?
4. ओवर ऑल आप संतुष्ट हैं या नहीं?

हाल चाल दस्ते की चहुँ ओर भूरि भूरि प्रशंसा हो रही है। वर्तमान में, फरियादियों की संतुष्टि के स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की जा रही है.

फ़िरोज़ाबाद, शामली और मैनपुरी जैसे बेहद टफ़ ज़िलों में अपनी मेहनत, ईमानदारी और जनसेवा की भावना से युक्त होकर दिन-रात पुलिसिंग करते हुए अपनी अलग पहचान बनाने वाले एसएसपी हरदोई अजय कुमार अपने तीन विशेष ऑपरेशन्स (ऑपरेशन चक्र-व्यूह, ऑपरेशन शिकंजा और ऑपरेशन कुण्डली) और अपनी विशिष्ट कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं।

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