रिपोर्ट: प्रतीक जैसवाल
VaranA$! : माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वाराणसी आगमन पर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो खुद को सरकारी रिकॉर्ड व कागजों में जीवित रहनें के लिये जद्दोजहद में लगे हुये हैं। ऐसा ही एक मामला चौबेपुर थाना परिसर में कुछ अलग अंदाज में देखनें को मिला।चौबेपुर के ग्राम सभा छितौनीं निवासी संतोष मूरत सिंह, मैं जिंदा हूंँ, चौबेपुर थानें पहुँचकर थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी से अपनीं गुहार लगाते हुये, प्रार्थना पत्र कुछ अलग ही अंदाज में पेश किया। सिर पर शादी का मउर पहनें हुवे गले में लटकती तख्ती जिसपे लिखा था मैं जिन्दा हूँ। थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी जी से कहा की मेरी शादी करा दीजिये और मुझे नौकरी थाना में या चौकियों पर सफाई कर्मी या चपरासी की नौकरी दे दीजिये। वहीं संतोष मूरत सिंह मैं जिन्दा हूँ, नें बताया कि जब भी वाराणसी में कहीं भी वीआईपी कार्यक्रम या आगमन होता है। तो मुझे गिरफ्तार कर थानें व चौकियों पर बैठा लिया जाता है। लेकिन आज तक मेरे साथ कोई न्याय नहीं हुआ है। अभिलेखों में मैं आज भी मृत पड़ा हुआ हूँ। हमें करीब 60/61 बार मेरी गिरफ्तारी हो चुकी है । मैं आज भी अभिलेखों में जिंदा नहीं हूँ। मूझे न्याय चाहिये। वहीं थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी जी से अपनीं गुहार लगाते हुये शादी व नौकरी के लिये मांग की है। थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी जीनें संतोष मूरत सिंह मैं जिन्दा हूँ, को अश्वासन दिया की जल्दी ही आपकी जो भी समस्या है उसका निस्तारण किया जायेगा। अब देखना होगा संतोष मूरत सिंह मैं जिंदा हूं को इंसाफ कब मिलता है वह कब अभिलेखों में जिंदा हो पाते हैं या यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा।
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