काशी के एक महान विभूति थे राधाकांत ओझा



डॉक्टर राधाकांत ओझा को दी गई श्रद्धांजलि


रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
वाराणसी। काशी के प्रकांड विद्वान प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य मानस मर्मज्ञ डॉक्टर राधाकांत ओझा को श्रद्धांजलि देने के लिए आज उनके आवास जगन्नाथ मंदिर परिसर में काशी के विद्वानों की भीड़ उमड़ पड़ी। जागृति फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार राज्य सरकार द्वारा लोक भूषण सम्मान से सम्मानित डॉ जयप्रकाश मिश्र ,विशिष्ट अतिथि वैदिक विज्ञान केंद्र बीएचयू के  समन्वयक डॉ उपेंद्र त्रिपाठी व बीएचयू सेंटर लाइब्रेरी के सेमी असिस्टेंट प्रोफेशनल एवं समाजसेवी रामा पांडे ने सर्वप्रथम राधाकांत ओझा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काशी के पांडित्य परंपरा के वह ध्वजवाहक थे। वे जीवनपर्यंत भारतीय संस्कृति, सभ्यता, वेद उपनिषद एवं ज्योतिष ज्ञान के प्रचार प्रसार में लगे रहे। ऐसे मनीषी के लिए भगवान शंकर से प्रार्थना है कि वह उनको अपने चरणों में जगह दे। श्रद्धांजलि सभा को पंडित अनिल उपाध्याय, पंडित स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी, प्रदीप त्रिपाठी, समाज सेवी श्रीमती मीरा तिवारी ,जयराम मिश्र ने  श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉक्टर राधाकांत ओझा श्रीरामचरितमानस के अच्छे वक्ता होने के साथ-साथ मानस को अपने जीवन में उतार कर उसी पथ पर चलते भी थे ।आज उनके जाने से काशी को अपूरणीय क्षति हुई है। इस अवसर पर डॉक्टर राधाकांत ओझा के पुत्र वधू रीना ओझा उनकी पुत्री सरस्वती पाठक, उनकी पौत्रियां यशोभी सुशोभि व अंजली ओझा ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की। उनके पौत्र अमित विक्रम ओझा ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि बाबा साक्षात भगवान स्वरूप हम लोग के लिए थे उनके बताए हुए रास्ते पर चलने का हम लोग प्रयास करेंगे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने कहा कि आज जरूरत है गुमनामी के जीवन जी रहे काशी के विद्वानों की भी सुध लेने की ऐसे विद्वानों को खोज कर उनको सम्मानित करने की उनके ज्ञान को अर्जित करने की। अंत में धन्यवाद देते हुए राघवेंद्र पांडे ने सभी आए हुए लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ राधाकांत ओझा का जाना हम लोगों के लिए बहुत ही कष्टकारी है ।काशी की एक अपूरणीय क्षति है भगवान शिव उनको अपने चरणों में जगह दे।

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