लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दंगल की तैयारियां पूरे चरम पर हैं। प्रत्याशियों के चुनावी अखाड़े में उतरने का ऐलान भी हो रहा हैं,किसी को चुनावी अखाड़े में उतारा जा रहा है तो किसी को हटाया जा रहा है।भाजपा सूत्रों के अनुसार आलाकमान ने तय किया है कि पार्टी उत्तर प्रदेश में किसी सांसद को या एक ही परिवार के कई लोगों को टिकट नहीं देगी।बैरहाल पार्टी का मानना है कि वो योग्यता और प्रदर्शन के अपने आधार पर टिकट देने के फार्मूले पर ही कायम रहेगी।वैसे भाजपा में ऐसे नेताओं की लंबी लाइन है जो अपने बेटों के लिए टिकट मांग कर रहे हैं।
यह ऐलान उन खबरों के बीच हुआ है जिनमें सांसद और विधायक सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने उत्तर प्रदेश समेत मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड और पंजाब में अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने बच्चों के लिए टिकट मांगा है। उत्तर प्रदेश में सांसद कौशल किशोर, सांसद रीता बहुगुणा जोशी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई बड़े नाम शामिल हैं।ये अपनों के लिए टिकट की आस लगाए बैठे हैं,लेकिन पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि एक ही परिवार के कई लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 10 से 14 फरवरी के बीच होने वाले विधानसभा चुनाव के दो चरणों के लिए 107 प्रत्याशियों की अपनी पहली लिस्ट पहले ही जारी कर दी है।इस लिस्ट में 20 मौजूदा विधायकों का पत्ता साफ हो गया है। लिस्ट में कई नए चेहरे भी शामिल हैं जिनको विनेबिलिटी के लिहाज से टिकट दिया गया है।उत्तर प्रदेश में एक चर्चा बीते दो तीन दिनों से बड़ी तेज है कि सामाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में शामिल हो सकती हैं।
अपर्णा के भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं के बारे में पार्टी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने कहा कि अपर्णा यादव का शामिल होना उनकी पसंद की सीट पाने पर निर्भर नहीं है।यदि वह शामिल होती हैं तो निर्वाचन क्षेत्र सहित उनकी उम्मीदवारी पर निर्णय पार्टी नेतृत्व का विशेषाधिकार होगा। टिकट पार्टी तय करेगी कि उन्हें कहां से लड़ना है। पहले से यदि कोई ये दावा लेकर आएगा कि हमें इसी सीट से टिकट चाहिए तो ऐसा संभव नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी इस बार भी 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में 300 सीटों को पार कर जाएगी। पार्टी का प्रदर्शन हालिया दलबदल से प्रभावित नहीं होगा। तीन ओबीसी नेताओं और विधायकों के एक समूह ने हाल ही में यह आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी कि भाजपा ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की बेहतरी के लिए पर्याप्त काम नहीं किया है।
भाजपा नेता ने कहा कि इन नेताओं के दावों के विपरीत भाजपा इन समुदायों में पैर जमाने में कामयाब रही है और उनके बाहर निकलने से पार्टी के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बैरहाल इस नेता ने यूपी में बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी के साथ गठबंधन से भी इनकार किया।
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