पत्रकार अब इस्तीफा देने पर हो जाएंगे मजबूर- जिला संयोजक



- प्रदेश में फर्जी मुकदमो के चर्चायो पर पत्रकारों के कलम पर लग रही ब्रेक
- डरा सहमा पत्रकार समाज के कमियों को उजागर करने से कर रहे इंकार
- वर्तमान सरकार के  ही अधिकारी कर रहे सरकार को बदनाम , फैल रहा अपराध,पत्रकारिता पर अंकुश लगाने की हो रही साजिश


रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
 देवरिया।। आज मानवाधिकार सुरक्षा संगठन देवरिया के जिला संयोजक संदीप तिवारी ने कहा है कि वर्तमान सरकार के अच्छे कार्यो को देखते हुए उत्तर प्रदेश की जनता ने राज्य में पुनः योगी सरकार का दोहराव किया है। सरकार की अच्छी रणनीति ने सरकार को पुनः सत्ता में लगाने का कार्य किया है। परन्तु ग्रामीण अंचल से लेकर उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक के हो रहे भ्र्ष्टाचार व अनियमित कार्यो एवं अपराधों पर जब एक पत्रकार नजर बनाकर इसको उजागर करता है तो सरकार के अनरूप कार्य करने वाले एवं समाज मे अपराध को बढ़ावा देने वाले लोग पत्रकारों को साजने और उनके कलमों पर ब्रेक लगाने हेतु गाव, शहर, जिला, प्रदेश तक तरह तरह की चर्चा करते सुने जाते है जैसे कि आज भी कई पत्रकारों का मामला सुना जा रहा है कि सचाई को उजागर करने वाले अब इन पत्रकारों को फर्जी मुकदमो में फंसा कर सेहत कराना ही एक मार्ग शेष बचा है। बतादे की इस प्रकार की बात पत्रकारो के कानों तक जब पहुच रही है तो डरा सहमा पत्रकार कमियों को न उजागर करने की बात मन मे ठान रहे है। अगर इसी प्रकार सचाई को समाज मे लाने और दिखाने पर पत्रकारों को फर्जी तरीके से पीड़ित करने की चर्चाएं सुनी जाएंगी तो मेरा मानना है कि सभी पत्रकार एक दिन पत्रकारिता को छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे। फिर ग्रामीण अंचल से लेकर शहरों प्रदेश तक के अधिकारियों और उनके दलालों को मनमानी करने से कोई भी नही रोक पायेगा और समाज के बीच दोषियो को सजा न देकर निर्दोषों पर हुकूमत का राज आ जायेगा। फिर वर्तमान सरकार कई हजार वर्ष बाद सता में दिखाई देगी। अगर आज से ही तत्काल प्रभाव से वर्तमान सरकार के अधिकारी पत्रकारों के लिखने पर स्वतंत्रता नही देते है। एवं फर्जी प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई करते है तो अपराधियो के साथ साथ समाज में भ्र्ष्टाचार व सरकार के मंशा अनरूप कार्य करने वाले व्यक्तियों की बाड़ आ जायेगी। आगे कहा कि पत्रकारों के प्रति फर्जी मुकदमो पर रोक अधिकारियों के द्वारा सही समय से नही लगाया गया  और उन्हें लिखने की आजादी नही दी गई तो आज से ही पत्रकार अपनी पत्रकारिता पर अंकुश लगाना सुरु कर देंगे। वे साजिश का शिकार नही होना चाहेंगे। फिर समाज और देश का क्या होगा। जब पत्रकार सचाई को उजागर करना बंद कर देंगे।

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