मई के अंतिम सप्ताह से लेकर 20 जून तक कई रूटों पर ट्रेनों के सफर में मुश्किल होगी। गोंडा स्टेशन यार्ड रिमॉडलिंग, वाराणसी रूट पर तीसरी लाइन का बचा हुआ कार्य, छिवकी-नैनी के बीच लाइन के कार्य और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से उत्तर मध्य रेलवे ने करीब सौ ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। जबकि दो दर्जन से अधिक ट्रेनें बदले हुए रूट से संचालित होंगी। निरस्त की गईं ट्रेनों में करीब 50 ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन, छिवकी आदि स्टेशनों से गुजरने वाली हैं। मुंबई, दिल्ली, ग्वालियर के साथ पूर्वोत्तर राज्यों को जाने वाली अहम ट्रेनों के मई और जून में निरस्त हो जाने से यात्रियों को मुश्किल होगी।
गोरखपुर और वाराणसी रूट से मुंबई जाने वाली करीब दस ट्रेनें इसमें शामिल हैं। इस रूट से जुड़ीं 31 ट्रेनों के निरस्त किए जाने से यात्रियों को आने-जाने में परेशानी होना तय है। कई रूट पर तो अल्टरनेट ट्रेनों की संख्या भी कम है। पूर्वोत्तर राज्यों को चुनिंदा ट्रेनें ही जाती हैं। इसमें से आठ जोड़ी ट्रेनों के निरस्त हो जाने से उस रूट के स्टेशनों को जाने वाली ट्रेनों में जगह की मारामारी होना तय है। प्रयागराज से होकर गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या कम भी है तो एनसीआर के अन्य स्टेशनों और रूटों पर निरस्त ट्रेनों की फेहरिस्त काफी लंबी है। ऐसे में अब यदि मई के आखिरी हफ्ते या फिर जून के पंद्रह दिनों में सफर को निकलें तो पहले से ट्रेनों को चेक कर टिकट कराएं।
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