जिसे श्रवण करने से मिट जाती है सौ जनम की ब्यथा,उसे कहते है श्रीराम कथा,राजन जी महाराज



बड़ागांव के कुड़ी गाँव में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का शुभारम्भ

रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
वाराणसी। बड़ागाँव के ग्राम कुड़ी स्थित प्रद्युम्न शिक्षण संस्थान के प्रांगण में जाने माने कथा वाचक पूज्य राजन जी महाराज के मुखारबिंद से रविवार को नौदिवसीय श्रीराम कथा का शुभारम्भ किया गया।

स्व•कृष्णदत्त मिश्र जी के स्मृति में उनके पुत्र मुनीष मिश्र ने इस श्रीराम कथा का आयोजन किया है। इस कथा को सुनने के लिए  बहुत दूर से कथा प्रेमी आकर कथा का रसपान किया।

कथा को स्व• के डी मिश्रा की धर्मपत्नी मालती देवी एवं प्रथम यजमान के रूप में अरनव दत्त मिश्रा एवं आकांक्षा मिश्रा ने आरती करके शुभारम्भ किया।

श्रीराम कथा के प्रथम दिन प्रेममूर्ति पूज्य राजन जी महाराज ने रामकथा शुरू करने से पहले काशी के पावन क्षेत्र में हो रहे भूतनाथ भगवान शिव की चरणों में प्रणाम करते हुए भजन "सियाराम मय सब जग जानी,करउँ प्रणाम जोरि जुग पानी" के माध्यम से अपनी बात को और स्पष्ट किया और कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ पर ग्रन्थ पाए जाते है और जो किसी भी गाँठ को खोल दे उसे ग्रन्थ कहते है। मोह हमको निज धर्म से रोकता है , मोह को एक उदाहरण देकर विस्तृत रूप से बताया। 

कार्यक्रम का मंच संचालन दक्षिणांचल के मशहूर भजन गायक एवं बासूरी वादक गोपाल तिवारी 'बावरा' ने किया।
इस दौरान मिश्र परिवार द्वारा रामकथा आयोजन में बाबा विश्वनाथ जी मंदिर के अर्चक पं राजेश पाठक,सुबह ए बनारस के सदस्य विनय तिवारी,श्रीराम द्विवेदी,अखिलेश दत्त मिश्र, बुलबुल मिश्र , सुनील मिश्र, इन्द्रदत्त मिश्र, विकास दत्त मिश्र, प्रकाशदत्त मिश्र, अरविंद मिश्र (सीताराम), रविन्द्र मिश्र(सोनू), आशुतोष मिश्र,अनीष मिश्र, सचिन मिश्र, मनीष मिश्र (दीपू), अंकित मिश्र, अर्पित मिश्र, प्रखर मिश्र, नंदलाल त्रिपाठी, सचिन मिश्रा,अभय शंकर पाण्डेय सहित सैकड़ो कथा प्रेमी उपस्थित रहे।

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