UP Politics: सस्पेंस बढ़ा रहे आजम खान, सब्र के पीछे कौन है वजह?



समाजवादी पार्टी के दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद से ही यूपी की सिसायत में अटकलों का बाजार बेहद गर्म हो चुका है। अखिलेश और मुलायम से नाराज बताए जा रहे आजम खान के अगले कदम को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। खुद आजम खान पत्ते नहीं खोल रहे हैं, जिससे अटकलों को हवा मिल रही है। आजम खान खुल कर इरादे जाहिर नहीं कर रहे हैं। लेकिन अखिलेश और मुलायम सिंह से मिले बिना लखनऊ से रामपुर वापस जाना तस्वीर साफ कर देता है। वह अपने पुराने मिजाज के मुताबिक अब मुलायम व अखिलेश पर भी बड़ी मासूमियत से तंज कस रहे हैं। 

फिलहाल वह पार्टी छोड़ने के मूड में नहीं दिखते। उन्होंने कहा ‘मैंने किसी कश्ती की तरफ देखा तक नहीं, सवार होना तो दूर की बात है। अभी तो मेरा जहाज काफी है। आजम ने दो दिन लखनऊ प्रवास में कई मौकों पर मीडिया से अलग अलग बात की। उन्होंने मंगलवार को सपा से दूरी बनाने का कोई संकेत नहीं दिया है। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने अखिलेश यादव से मुलाकात की। इससे संकेत है कि वह दोनों के बीच पुल का काम कर रहे हैं।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, आजम खान के सब्र के पीछे राज्यसभा चुनाव भी हो सकता है। आजम खान जमानत दिलाने वाले वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजना चाहते हैं। अखिलेश यादव भी सिब्बल के नाम पर सहमत बताए जा रहे हैं। अखिलेश ने सिब्बल को टिकट दिए जाने पर अभी कुछ नहीं कहा है, लेकिन अटकलों के आधार पर आजम ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। आजम खान ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो उन्हें बहुत खुशी होगी। गौरतलब है कि कपिल सिब्बल ने ही आजम खान की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी और उन्हें अंतरिम जमानत दिलवाने में सफल रहे। सूत्रों के मुताबिक, सपा अध्यक्ष भी आजम की यह इच्छा पूरी करके उन्हें मनाने की कोशिश करना चाहते हैं। वैसे अखिलेश और सिब्बल में भी करीबी है। 2016 में भी सपा की मदद से ही सिब्बल राज्यसभा पहुंचे थे।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आजम राजनीति के बेहद मंझे हुए और अनुभवी नेता हैं। वह जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहते हैं। फिलहाल वह सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और फायदे-नुकसान को अच्छी तरह परखने के बाद ही कोई कदम उठाएंगे। उन्होंने फिलहाल किसी भी संभावना को ना तो स्वीकार किया है और ना ही खारिज। उन्होंने अभी सारे विकल्प खुले रखे हैं। सूत्रों के मुताबिक, आजम सपा में रहने या ना रहने का फैसला लेने से पहले बेहतर राजनीतिक भविष्य की संभावना को लेकर आश्वस्त होना चाहते हैं।

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