बिना विश्वास व श्रद्धा का मिलन हुए जीवन मे भक्ति की धारा संभव नहीं-राजन जी महाराज



रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल

बड़ागांव/वाराणसी: बड़ागांव के कुड़ी गाँव मे प्रद्युम्न शिक्षण संस्थान के प्रांगण मे चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दुसरे दिन श्रीराम जन्मोत्सव प्रसंग पर कथा करते हुए कथा सम्राट मानस मर्मज्ञ पूज्य श्री राजन जी महाराज ने बताया कि बिना विश्वास व श्रद्धा का मिलन हुए जीवन में भक्ति की धारा कदापि प्रवाहित नही हो सकती है इसीलिए कथा को सुनने व प्रभु की भक्ति करने का वही अधिकारी है जिसे सत्संग से प्रेम और प्रभु के प्रति मन में अटूट श्रद्धा व विश्वास हो। श्री राम कथा में आज के मुख्य सपत्नीक यजमान विकास दत्त मिश्र व आशुतोष मिश्र द्वारा ब्यासपीठ व पवित्र रामचरित मानस एवं कथा मंडप की आरती उपरांत आरंभ हुए कथा को दैनिक विश्राम देते हुए पूज्य श्री ने प्रभु के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि जीव को लगता है कि कथा हम गा रहे हैं पर यह तो उसका भ्रम मात्र है क्योंकि गाने और गवाने वाला तो कोई और है वास्तव में जीवन में हम जो कुछ भी कर पाते हैं उसे करने और कराने वाला तो कोई और है इसलिए व्यक्ति को जीवन में सदैव अंहकार से मुक्त होकर सहज भाव से जीवन व्यतीत करना चाहिए क्योंकि जीवन में जिसको सहज रहना आ गया उसकी समस्त समस्याएं वहीं समाप्त हो जाती हैं। कार्यक्रम का मंच संचालन इन्द्रदत्त मिश्र ने किया।

इस अवसर पर कथा पंडाल में मिश्र परिवार के सदस्य रमेश दत्त मिश्र, अखिलेश दत्त मिश्र, अवधेश मिश्र, नारायणी मिश्र, लक्ष्मीशंकर मिश्र, प्रकाशदत्त ,अरविंद मिश्र (सीताराम),  सचिन मिश्र, श्याम सुंदर मिश्र, दीपू, बादल मिश्र,  विपिन कुमार मिश्र सहित सैकड़ो कथा प्रेमी उपस्थित रहे।

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