आजमगढ़ उपचुनाव: मतगणना स्थल पर सपा-बसपा प्रत्याशी डटे रहे, निरहुआ नदारद



आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव की मतगणना रविवार को बेलइसा स्थित एफसीआई के गोदाम में कड़ी सुरक्षा में की गई। खास बात यह रही कि मतगणना स्थल पर सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव और बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली दिनभर डटे रहे। इसके विपरीत भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ का कहीं अता-पता नहीं था। शाम को उनकी जीत की घोषणा होने के बाद वह प्रमाणपत्र लेने मतगणना स्थल पर पहुंचे। उधर, मतगणना स्थल पर मुख्य गेट से लेकर काउंटिंग हाल तक पुलिस फोर्स तैनात की गई थी।

हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान सपा-भाजपा प्रत्याशी के बीच विवाद के मद्देनजर लोकसभा उपचुनाव में प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी।  इसके तहत 1500 से अधिक अर्द्धसैनिक बल, सीआरपीएफ, पीएसी, पुलिस और होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। एसपी अनुराग आर्य हर पल पर पैनी नजर रखे हुए थे। मतगणना स्थल पर मुख्य गेट पर लालगंज के  एसडीएम एसएन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार पंकज शाही, सीओ मनोज रघुवंशी, फूलपुर के कोतवाल अनिल सिंह के नेतृत्व में फोर्स की तैनाती की गई थी। बगैर तलाशी मतगणना स्थल पर किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। इस बीच, डीएम विशाल भारद्वाज, एसपी सिटी शैलेंद्र लाल, एसपी ट्रैफिक सुधीर जायसवाल, सीओ सदर सौम्या सिंह भी चक्रमण करते दिखे।

सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होने के बाद पहुंचे प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव माहौल पर आपत्ति जताते हुए भड़क गए। उन्होंने कई आरोप लगाने लगे। वह 10.28 बजे केंद्र से बाहर निकले। इस दौरान आरोपों के संबंध में पूछने पर इंकार करते हुए चले गए। करीब डेढ़ बजे वह पुन: मतगणना हाल में पहुंचे और अंत तक डटे रहे। इस दौरान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव भी रहे। 

उपचुनाव की मतगणना के समय बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शाहआलम उर्फ गुड्डू जमाली अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। मतगणना शुरू होने पर जमाली पहले तो मुबारकपुर विस क्षेत्र में हो रही मतगणना केंद्र में रहे। जैसे-जैसे राउंडवार गणना समाप्त हो रही थी वैसे-वैसे हर विधान सभा के मतगणना केंद्र में जाकर अपने लोगों से हालचाल ले रहे थे। गणना के दौरान मिलने वाले वोटों को लेकर काफी उत्साहित थे। इस दौरान समर्थक भी उन्हें अपने-अपने इलाकों में मिलने वाले वोटों को हवाला देकर ढांढस बंधा रहे थे। दोपहर 2.17 बजे गुड्डू जमाली समर्थकों के साथ मतगणना केंद्र से बाहर निकल गए। उन्हें अपनी हार का अनुमान हो गया था।

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