नई सड़क पर बवाल करने वालों के जो फोटो और वीडियो पुलिस के सामने आए वह चौंकाने वाले हैं। पुलिस ने शुक्रवार से शनिवार के बीच लगभग 350 वीडियो और सीसीटीवी फुटेज देखे, अहम बता है कि नाबालिग पत्थरबाज ज्यादातर दिखे। सबसे आगे बढ़कर यही नाबालिग पुलिस टीम पर पथराव और बमबाजी कर रहे थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बवाल षड्यंत्रकारियों की सोची-समझी साजिश थी। नाबालिग को इसलिए बवाल में आगे किया गया ताकि पुलिस न तो उन पर लाठीचार्ज कर सके और जेल जाने के बाद वे आसानी से बाहर आ सकें। वीडियो और फोटो में 200 से ज्यादा नाबालिग चिह्नित किए गए हैं। ज्यादातर ने मुंह पर रुमाल लपेटकर पुलिस टीम पर पथराव किया था। बमबाजी संग कुछ वीडियो में नाबालिग तमंचे के साथ फायरिंग करते भी नजर आ रहे हैं।
पुलिस की टीमें जिन संदिग्धों को उठा रही हैं। वह देखने से यदि नाबालिग लग रहे हैं तो उनके आईकार्ड की कॉपी भी फाइल में लगाई जा रही है ताकि उनकी उम्र को लेकर स्थिति साफ हो सके। पुलिस अफसरों के मुताबिक आरोपित अगर नाबालिग हैं तो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नाबालिग जिस तरह से पत्थर और बम चलाते दिख रहे हैं उससे पुलिस को आशंका है कि कहीं न कहीं इन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस के मुताबिक षड्यंत्रकारियों के पकड़े जाने के बाद इस तथ्य का भी पता लगाया जाएगा।
उपद्रव के बाद शुक्रवार देर रात से पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश चलती रहीं। शनिवार सुबह लगभग पांच बजे तक कई इलाकों में भारी संख्या में मौजूद फोर्स ने संदिग्धों के यहां छापा मारा। रात में ही मोबाइल से बने वीडियो और सीसीटीवी कैमरों के वीडियो कब्जे में ले लिए। इनके आधार पर आरोपितों को चिह्नित करने के लिए टीम को लगाया गया है। मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरेट व आउटर के सभी अफसर सद्भावना चौकी पर जुटे।
एफआईआर की लिखापढ़ी कैसे होगी, इसका निर्णय लिया गया। रात में लगभग ढाई बजे मोर्चा संभाला और नई सड़क से लेकर दादामियां चौराहा तक दबिश शुरू कर दी। पुलिस ने उपद्रव के 200 वीडियो जुटा लिए हैं। इलाकाई लोगों ने भी मदद की है। सात सीसीटीवी कैमरे से पुलिस ने चार घंटे की फीड बरामद कर ली है। इन दोनों से आरोपितों की पहचान करने के लिए तीन टीमों को अलग से लगाया गया है। देर रात दो दर्जन से अधिक लोगों को उठाया, उनके चेहरों की पहचान कराई जा रही है। इनके शामिल होने की पुष्टि होने पर गिरफ्तारी होगी।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शासन की तरफ से आईपीएस अधिकारी अजयपाल शर्मा को भेजा गया। देर रात उन्होंने कमान संभाल ली। दबिश के लिए जो टीमें बनाई गईं। उसमें से एक को एडीसीपी ईस्ट राहुल मिठास, डीसीपी प्रमोद कुमार और अजयपाल शर्मा, एक टीम को ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने लीड किया।
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