लोकसभा उपचुनाव: सपा के लिए आजमगढ़ की लड़ाई आसान नही होगी, बसपा ने खेला मुस्लिम कार्ड



Azamgarh Lok Sabha by-election: बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा की दो सीटों के लिए होने वाले उप चुनाव में मुस्लिम कार्ड का बड़ा दांव खेला है। पहला मुस्लिमों की सहनुभूति बटरोने के लिए रामपुर में उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है और दूसरा आजमगढ़ से इसी वर्ग के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को उतार उनका हमदर्द होने का संदेश दिया है। इससे सपा के लिए आजमगढ़ की लड़ाई आसान होती नहीं दिखाई दे रही है।

गुड्डू जमाली आजमगढ़ जिले में आने वाली मुबारकपुर विधानसभा सीट से दो बार बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। पहली बार वह वर्ष 2012 और दूसरी बार 2017 में चुनाव जीते। इस बार विधानसभा चुनाव में वह ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन से लड़े, लेकिन वह करिश्मा नहीं दिखा पाए। गुड्डू बिल्डर हैं और मुस्लिमों में उनकी अच्छी पकड़ है। बसपा उम्मीदवार होने से दलित वोट बैंक भी उनके साथ जा सकता है। मायावती का पूरा ध्यान आजमगढ़ सीट पर है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि वह स्वयं सभाएं कर सकती हैं।

आजमगढ़ लोकसभा सीट से गुड्डू जमाली वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें 2,66,528 वोट मिले थे। इस साल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़े थे। बसपा से मुस्लिम, भाजपा और सपा से यादव उम्मीदवार होने की वजह से लड़ाई काफी टक्कर की हो गई थी। भाजपा ने रमाकांत यादव को मैदान में उतार कर मुलायम सिंह यादव को घेरने की पूरी कोशिश की थी। त्रिकोणीय लड़ाई के चलते मुलायम सिंह यादव 63,204 वोट से जीत पाए। यह सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। इसीलिए मैदान में न तो अखिलेश होंगे और न ही मुलायम...। इससे साफ है कि सपा की ओर से कोई तीसर मैदान में आएगा। ऐसे में राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि सपा के लिए गुड्डू जमाली को कम आकना मुश्किलों भरा हो सकता है। हालांकि अभी अन्य दलों से उम्मीदवारों का सामने आना बाकी है।

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