माफिया मुख्तार अंसारी के वकील दरोगा सिंह पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने बड़ी कार्रवाई कर दी है। उनका वकालत करने का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया है। सस्पेंशन की जानकारी जिला जज, जिलाधिकारी के साथ ही मऊ के बार अध्यक्ष और मंत्री को भी भेजी गई है। दरोगा सिंह ने पिछले दिनों खुलेआम न्यायाधीशों को अपशब्द कहे थे। इसका वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। वीडियो का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई है।
मऊ दौरे पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री संजय निषाद से किन्नूपुर के ग्रामीणों ने निजी व कई बिगाहा सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत की थी। मंत्री के निर्देश पर तीन मई को सदर तहसील के कानूनगो जमीन की नापी करने के लिए मौके पर पहुंचे। इसी दौरान मुख्तार अंसारी के वकील दरोगा सिंह और उनके साथ सुशील नामक व्यक्ति पहुंचा।
मुख्तार के वकील ने टीम को पैमाइश करने से रोक दिया। टीम ने जब अधिकारियों का हवाला दिया और बताया कि उनके निर्देश पर पैमाइश की जा रही है तो वकील ने धमकी भरे लहजे में टीम के साथ ही जजों के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने इसका वीडियो बना लिया। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। दारोगा सिंह के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
न्यायधीशों को अपशब्द कहने को गंभीरता से लेते हुये बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश ने 17 मई 2022 को आपात बैठक बुलाई। न्यायधीशों को अपशब्द कहना अधिवक्ता के लिए शर्मनाक मानने के साथ अधिवक्ता जैसे कार्य में कदाचार माना गया।
इसी को लेकर बार काउंसिल ने अधिवक्ता दरोगा सिंह के पंजीकरण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई भी प्रचलित कर दी गई है। कार्रवाई के आदेश की प्रति जिला जज, जिलाधिकारी के साथ ही अध्यक्ष व मंत्री सिविल कोर्ट सेंट्रल बार एसोसिएशन को भी भेज दिया गया है। मामले की जानकारी पत्र के माध्यम से सदस्य सचिव अजय कुमार शुक्ल ने दी।
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