बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो घरेलू उपभोक्ताओं के हर महीने आने वाले बिल में 25 से लेकर 200 रुपये तक इजाफा होगा। उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरें बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं देने के बावजूद बिजली कंपनियों ने स्लैब परिवर्तन के माध्यम से उपभोक्ताओं से बिजली बिल के माध्यम से अधिक धनराशि लेने का इंतजाम प्रस्तावित किया है।
घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के स्लैब में प्रस्तावित परिवर्तन के माध्यम से बिजली यूनिटों की संख्या कम की गई है। स्लैब परिवर्तन नियामक आयोग ने स्वीकार किया तो घरेलू उपभोक्ताओं का बिल 25 से लेकर 200 रुपये तक अधिक आएगा। पिछले दो साल से बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव नियामक आयोग में खारिज होता आ रहा है। इस बार भी स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव दिया गया है। गौरतलब है कि 21 जून से नियामक आयोग द्वारा बिजली कपनियों के एआरआर व बिजली दरों पर सुनवाई होनी है।
उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्लैब परिवर्तन के माध्यम से बिजली दरें बढ़वाने के बिजली कंपनियों के प्रयासों का खुलासा किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा है कि स्लैब परिवर्तन का जो प्रस्ताव पिछले दो बार से खारिज हो रहा है उसे फिर से प्रस्तावित किया जाना गलत है। स्लैब परिवर्तन लागू हुआ तो करीब 90 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली का बिल अधिक आएगा।
घरेलू शहरी और शहरी दुकानदारों के साथ ही अन्य श्रेणी के उपभोक्ता इससे प्रभावित होंगे। स्लैब परिवर्तन को बिजली की वर्तमान दरों पर ही लागू किया जाए तो भी घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली का बिल 25 से लेकर 200 रुपये तक प्रति माह बढ़ेगा। अवधेश वर्मा ने कहा है कि बिजली कंपनियों द्वारा इस तरह बिजली दरें बढ़ाने के इस प्रस्ताव का हर स्तर पर विरोध होगा।
घरेलू शहरी
वर्तमान स्लैब
01-150 यूनिट तक दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट
150-300 यूनिट तक दर 6.00 रुपये प्रति यूनिट
300-500 यूनिट तक दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट
500 यूनिट और अधिक पर दर 7.00 रुपये प्रति यूनिट
प्रस्तावित स्लैब
01-100 यूनिट तक दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट
101-150 यूनिट तक दर 6.00 रुपये प्रति यूनिट
150 से 300 यूनिट तक दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट
300 यूनिट और अधिक पर दर 7.00 रुपये प्रति यूनिट
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