रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
वाराणसी। ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन विकास खंड बड़ा गांव में किया गया , बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के बारे में बताया गया की कोविड-19 के कारण अगर किसी बच्चे ने अपने माता-पिता दोनों अथवा माता-पिता में से किसी एक को खोया है तो ऐसे बच्चों को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत ₹4000 प्रतिमाह 18 वर्ष की आयु तक दिया जा रहा है।
साथ ही कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को लैपटॉप एवं 18 वर्ष से ऊपर की आयु वर्ग की बालिकाओं के विवाह हेतु ₹101000 की आर्थिक सहायता अगर किसी बच्चे के माता पिता की मृत्यु होने के बाद इनकी संपत्ति से संबंधित कोई विवाद है ऐसे में जिलाधिकारी महोदय बच्चों की संपत्ति के संरक्षक होंगे इसी के साथ मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के तहत मार्च 2020 के बाद अगर किसी बच्चे ने अपने माता-पिता दोनों अथवा माता-पिता में से किसी एक को खोया है तो ऐसे परिवार के दो बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के तहत ढाई हजार रुपए प्रतिमा दिए जाने का प्रावधान है उक्त धनराशि बच्चों की शिक्षा हेतु 23 वर्ष की आयु तक प्रदान की जाएगी। बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह के 3 प्रकरण विगत दो माह में बड़ा गांव में जिला बाल संरक्षण इकाई ,चाइल्ड लाइन ,पुलिस तथा स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से रोके गए हैं ।ग्राम पंचायत स्तर पर बाल विवाह के प्रति जागरूकता लाने के लिए खंड विकास अधिकारी द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी ,बाल विकास परियोजना अधिकारी ,सहायक विकास अधिकारी पंचायत तथा स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया।
निरुपमा सिंह द्वारा बताया गया कि अक्सर क्षेत्र में नवजात बच्चों को फेंक देने की घटनाएं संज्ञान में आती है ,इस तरह के प्रकरण को रोकने के लिए किशोर न्याय अधिनियम में प्राविधान है कि बच्चो को फेंका न जाए ,उन्हे बाल कल्याण समिति के समक्ष अभ्यर्पित किया जा सकता है अभ्यर्पित करने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा तथा उन्हें दो माह का समय दिया जाएगा अगर इस दौरान बच्चे को अभ्यर्पित करने वाला व्यक्ति बच्चे को वापस लेना चाहता है तो वापस ले सकता है अन्यथा बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को दत्तक ग्रहण हेतु स्वतंत्र मुक्त कर दिया जाएगा तथा बच्चा दत्तक ग्रहण में दे दिया जाएगा।बैठक में खंड विकास अधिकारी द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने तथा नवजात बच्चों को सुरक्षित बचाने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शिशु पालना केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए तथा इसी माह सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम बाल संरक्षण समितियों की बैठक करते हुए कोविड से माता-पिता दोनों अथवा किसी एक को खोने वाले बच्चों तथा मार्च २०२० के बाद अगर किसी बच्चे ने अपने माता-पिता दोनों अथवा किसी एक को किसी अन्य कारण से भी खोया है तो ऐसे बच्चों का मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के तहत फॉर्म भरवाते हुए सभी ग्राम पंचायत से ऐसे बच्चों को ग्राम बाल संरक्षण समितियों के माध्यम से चिन्हित करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी क्षमा शंकर पांडेय सहायक विकास अधिकारी पंचायत सुनील कुमार सिंह प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी मीरा देवी,स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी सुजीत कुमार,एडीओ, समाज कल्याण,जिला बाल संरक्षण इकाई से अश्वनी कुमार तिवारी तथा स्वैच्छिक संगठन से अनिता देवी,संध्या,नीलम पटेल दीपक पुजारी उपस्थित रहे।
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