साल-2013 में अलीगढ़ में कानपुर की रहने वाली एक मां-बेटी के साथ लिफ्ट देकर लूट फिर लड़की से रेप की सनसनीखेज वारदात हुई थी। कोर्ट ने अब रेप के मामले में दोष सिद् पाए गए शख्स को सात साल कैद की सजा सुनाई है। यह वारदात अलीगढ़ के खैर थाना क्षेत्र के भानेरा पुल के पास 2013 में हुई थी।
एडीजे-16 राजीव शुक्ला की अदालत से मंगलवार को दोषी को सात साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। मिशन शक्ति अभियान के तहत यह सजा दुष्कर्म के आरोप में सुनाई गई है। हालांकि आरोपी पर लूट बरामदगी साक्ष्य न होने के चलते साबित नहीं हो सकी। इसलिए उसे लूट में दोषमुक्त करार दिया गया। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी गोपाल सिंह राणा ने बताया कि घटना 10 दिसंबर 2013 की है।
कानपुर नगर की युवती अपनी मां के साथ मथुरा से दर्शन कर लौट रही थी। उन्हें अलीगढ़ से कानपुर नगर के ट्रेन पकड़नी थी। युवती का आरोप था कि देर शाम मथुरा में चौराहा पर खड़े होकर वाहन का इंतजार कर रही थी। तभी एक सफेद स्कर्पियो उनके पास रुकी। उसमें 4-5 लोग सवार थे। उन्होंने गाड़ी रोककर हमसे पूछा कि कहां जाना है। उनको अलीगढ़ जाने की बात बताई तो उन्होंने लिफ्ट दे दी। मां-बेटी दोनों गाड़ी में बैठ गईं। अंधेरा हो चुका था। रास्ते से अंजान थे, इसलिए कार में सवार लोग उन्हें एक नहर के सहारे ले गए। वहां पुल पर रिवाल्वर के सहारे मां-बेटी से जेवरात आदि उतरवा लिए और फिर बेटी संग धान के खेत में आरोपियों में से एक ने दुष्कर्म किया।
युवती ने बताया कि दुष्कर्म करने वाले को उसके साथी जग्गू सेठ के नाम से पुकार रहे थे। वारदात के बाद वह दोनों को वहीं छोड़ गए। एक राहगीर की मदद से पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई। पुलिस के आने पर मालूम हुआ कि घटना स्थल भानेरा पुल खैर थाने में आता है। उन्होंने खैर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जग्गू सेठ के नाम के आधार पर जग्गू सेठ उर्फ जगवीर निवासी गिड़ौरा गोंडा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
एडीजीसी के मुताबिक कोर्ट में ट्रायल के दौरान पीड़ित युवती, उसकी मां, मुकदमा लेखक, विवेचक, मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टर, बयान दर्ज करने वाले एसडीएम की गवाही कराई। हालांकि कोर्ट ने लूट का माल बरामदगी के साक्ष्य न होने के कारण जगवीर उर्फ जग्गू को सिर्फ दुष्कर्म का दोषी करार दिया है। दुष्कर्म में उसे सात वर्ष की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है।
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