काशी विश्वनाथ धाम के दहलीज तक पहुंचीं गंगा, नौ सालों का रिकार्ड तोड़ने से आधा मीटर दूर पानी



वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा में सोमवार को भी बढ़ाव जारी रहा। सोमवार को बाढ़ का पानी काशी विश्वनाथ धाम की दहलीज तक पहुंच गया है। धाम से सटे मणिकर्णिका घाट को डूबोकर अब ऊपर घुसने लगा है। गंगा किनारे रैम्प बिल्डिंग और नये शवदाह के लिए बने चैम्बर तक पहुंच गया है।

जलस्तर वर्ष 2013 के रिकॉर्ड 72.630 मीटर के करीब पहुंच रहा है। रिकॉर्ड तक पहुंचने में केवल आधा मीटर की दूरी शेष रह गई है। यदि गंगा 2013 के जलस्तर रिकॉर्ड पर पहुंच जाती है, शहर के कई इलाकों-लंका, संकटमोचन, चौकाखाट,भैंसासुरघाट आदि ऊपरी इलाकों में भी पानी पहुंच जाएगा। इससे न केवल शहर के अंदर सम्पर्क मार्ग डूब जाएंगे करीब तीन से 40 कॉलोनियां बाढ़ के आगोश में आ जाएंगी।

नगवां नाला होते हुए असि नदी के तटवर्ती कॉलोनियों व मुहल्लों में  पहुंच गया। सीवर लाइन के जरिए कई कॉलोनियों की सड़कों पर पानी घुस गया। सामनेघाट के सामने स्थित छह नयी कॉलोनियों में पानी घुस रहा है। सीरगोवर्धनपुर में रविदास मंदिर से लौटूबीर बाबा मार्ग के दोनों तरफ की कॉलोनियां पानी से घिर गई हैं।

उधर, ढेलवरिया, नक्खीघाट, बघवानाला, सरैया, सरायमोहाना आदि इलाकों में पानी का प्रसार तेज हो गया। कोनिया इलाका भी बाढ़ से ग्रसित होने लगा है। ग्रामीण इलाकों गंगा और गोमती का कहर बरपने लगा। खेत-खलिहान, बाग-बगीचे और सीवान होते हुए बाढ़ का पानी गांवों में घुसने लगा है। 

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर सुबह 10 बजे तक जलस्तर 71.04 सेमी पहुंच गया है। आयोग के कार्यालय के मुताबिक प्रयागराज और फाफामऊ में यमुना और गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है। लिहाजा, बनारस में भी शाम तक गंगा के स्थिर होने की संभावना है। 

उधर, जिला प्रशासन के अधिकारी सुबह से ही बाढ़ राहत शिविरों व प्रभावित इलाकों का भ्रमण दौरा कर रहे हैं। जेपी मेहता बाढ़ चौकी पर एसडीएम सदर अंशिका दीक्षित ने एडिशनल सीएमओ डॉ. एके मौर्या के साथ व्यवस्था का निरीक्षण किया और लोगों से मिल रही व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। बाढ़ प्रभावित नगवां क्षेत्र प्राइमरी पाठशाला राहत कैंप पर एडीएम सिटी प्रभावित में दूध, केला व ब्रेड का वितरण किया।

प्राथमिक विद्यालय बड़ी बाजार क्षेत्र में बाढ़ चौकी माता प्रसाद पर अधिकारी पहुंचे थे। एडीएम वित्त व राजस्व व आपदा प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि प्रयागराज में गंगा और यमुना के स्थिर होने से बनारस में भी गंगा के स्थिर होने की पूरी संभावना है। यह असर शाम से दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि आपदा व बचाव राहत के लिए अधिकारियों की टीम गांव और शहर के अलग-अलग हिस्सो में दौरा कर रही है। वहीं, गंगा पार पड़ाव में पं. दीनदयाल स्मृति उपवन भी बाढ़ के पानी से डूब गया है। वहीं, अघोरेश्वर भगवान अवधूत आश्रम में भी पानी घुस गया है।

वहीं, गंगा, वरुणा एवं गोमती में आई बाढ़ गांव-दर-गांव को चपेट में लेती जा रही है। चोलापुर, चिरईगांव ब्लॉकों के तटवर्ती गांवों की स्थिति अधिक गंभीर हो चली है जबकि काशी विद्यापीठ और आराजी लाइन ब्लॉकों के भी दर्जनों गांव संकट बढ़ता जा रहा है। घरों में पानी भरने के बाद ग्रामीणों का पलायन तेज हो गया है।

चिरईगांव प्रतिनिधि के अनुसार ढाब क्षेत्र के मुस्तफाबाद के संपर्क मार्ग पर पानी के तेज बहाव से सोता पुल की ओर का आवागमन भी प्रभावित होने लगा है। पानी बढ़ा तो आवागमन बाधित होने से दर्जन भर गांवों में आवागमन ठप हो जाएगा। रमचंदीपुर से गोबरहा, मोकलपुर मुख्य मार्ग पर भी बाढ़ का पानी आने लगा है। जक्खिनी प्रतिनिधि के अनुसार आराजीलाइन ब्लाक के शांहशाहपुर के सिवान को पार कर बाढ़ का पानी सिहोरवां दक्षिणी गांव में पहुंच गया है।

चुनार-कछवां रोड की ओर से पानी आ रहा है। लोहता प्रतिनिधि के अनुसार वरुणा की बाढ़ से लोहरापुर, अयोध्यापुर, हैबतपुर, कोटवा, टड़िया, छितौनी, भरथरा, बेदौली गांव के तटवर्ती इलाके पूरी तरह से डूब गए हैं। लोग अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में ली शरण रोहनिया काशी विद्यापीठ ब्लाक के बेटावर गांव बाढ़ की चपेट में है। दो घरों में पानी घुसने से परिवार के लोगों ने आंगनबाड़ी केंद्र में शरण ली है।

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