सुपरटेक ट्विन टावर डेमोलिशन भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक के रूप में जाना जाएगा क्योंकि यह उत्तर प्रदेश के नोएडा में अवैध इमारतों को ढहाने के लिए सबसे बड़ा कंट्रोल ब्लास्ट था। एडिफिस कंपनी ने 3,700 किलोग्राम विस्फोटक की मदद से रविवार दोपहर को इन टावरों को जमींदोज कर दिया। कंपनी के ब्लास्टर चेतन दत्ता ने इन टावरों को गिराने के लिए रिमोट कंट्रोल का बटन दबाया था।
सुपरटेक के ट्विन टावर्स गिराने का जिम्मा संभाल रही एडिफिस कंपनी के ब्लास्टर चेतन दत्ता ने बताया कि डिमोलिशन शत-प्रतिशत सफल रहा। पूरी बिल्डिंग को गिराने में 9-10 सेकेंड का समय लगा। जैसा हमने सोचा था बिल्कुल वैसे ही परिणाम आए। हम 5 लोग टावर से बस 70 मीटर की दूरी पर थे। दत्ता ने बताया कि मेरी टीम में 10 लोग थे। इसके साथ ही 7 विदेशी विशेषज्ञ और एडिफिस इंजीनियरिंग के 20-25 लोग भी मौके पर मौजूद थे।
चेतन दत्ता ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि डेमोलिशन के बाद वह चार अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर थे, जो काम की सफलता पर खुशी से रोने लगे। दत्ता ने कहा कि सायरन बजाने के आधे घंटे पहले से हम 5 लोग आपस में कोई बात नहीं कर पा रहे थे, बस एक दूसरे के चेहरे देख रहे थे। उनकी टीम के सदस्यों ने एक दूसरे से एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने बताया कि धमाके से एक दिन पहले वो पूरी रात ढंग से नहीं सो पाए थे।
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