बरेली से संवाददाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ गुलाम नबी आजाद द्वारा कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर जनपद बरेली के जिला प्रवक्ता राजेन्द्र सागर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी समुंदर है इस समुंदर में जाने कितने लोग पैदा हुए और चले गए, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंघिया, जयवीर शेरगिल, जितिन प्रसाद, सुनील जाखड़, कैप्टन अमरिंदर सिंह, बड़े नेता कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं, लेकिन कांग्रेश पार्टी आज भी खड़ी है, कल भी खड़ी थी और आगे भी खड़ी रहेगी, गरीब, मजदूर, मजबूर,मजलूम, शोषित, वंचित, हर आम नागरिक के साथ, जाने कितनी मछलियां पैदा की इस समुंदर ने और चली गई यहां कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, एक समय आदरणीय इंदिरा गांधी जी के समय भी बहुत सारे लोगों ने पार्टी छोड़ी और उन्हें भ्रम था के हमारे पार्टी छोड़ने से पार्टी खत्म हो जाएगी या फिर नेस्तनाबूद हो जाएगी लेकिन वह लोग खुद खत्म हो गए, और खुद नेस्तनाबूद हो गए और कांग्रेस आज भी मजबूती के साथ देश के लिए लड़ रही है और देश के आम जन के साथ खड़ी है और खड़ी रहेगी लड़ती रहेगी। कांग्रेस एक विचारधारा और विचारधारा कभी खत्म नहीं होती उसको खत्म करने वाले लोग खत्म हो जाते है, गुलाम नबी आजाद जी को पार्टी ने नेता बनाया ना कि उन्होंने कांग्रेस को बनाया।
आज जब कर्ज चुकाने का समय था तो स्वार्थ बस पार्टी छोड़ दी, राजनीति में उतार चढाव होते रहते है, राहुल गांधी जी सही कहे रहे है जो डरपोक कायर है, वो पार्टी छोड़कर जाएं और जो देश के लिए लड़ना चाहते है वो कांग्रेस के साथ खड़े रहे!
जनपद बरेली के जिला प्रवक्ता राजेंद्र सागर ने गुलाम नबी आजाद के बारे में बताया की 73 वर्षीय गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 में जम्मू कश्मीर के डोडा में हुआ था, उन्होंने जम्मू कश्मीर यूनिवर्सिटी में एमएससी M.SC किया, 1970 के दशक में कांग्रेश से जुड़े थे 1975 में जम्मू कश्मीर के यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने, 1980 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था, 1980 में पहली बार महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीते थे, 1982 में केंद्रीय मंत्री का दायित्व मिला, 1984 में भी वाशिम से ही दोबारा लोकसभा चुनाव जीते, 1990 _ 1996 तक महाराष्ट्र में ही राज्यसभा सांसद भी रहे, गुलाम नबी आजाद नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री रहे थे, वे 1996 से 2006 तक जम्मू कश्मीर से राज्यसभा भेजे गए, इसी बीच वर्ष 2005 में जम्मू कश्मीर के सीएम भी बने, हालांकि 2008 में पीडीपी ने कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया था, और गुलाम नबी आजाद की सरकार गिर गई, डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में गुलाम नबी आजाद स्वास्थ्य मंत्री रहे, 2014 में गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था, 2015 में गुलाम नबी आजाद को फिर जम्मू कश्मीर से राज्यसभा भेजा गया था, कांग्रेस पार्टी द्वारा इतना सब कुछ करने के बाद भी एहसान फरामोश वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ सभी पदों से इस्तीफा देते हुए माननीय सोनिया गांधी को 5 पन्नों का भावपूर्ण पत्र भेजा है।
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