यूपी में बंदरों की धमाचौकड़ी से आम आदमी ही नहीं अफसर भी परेशान हैं। बंदरों के उत्पात से लोगों का जीना दूभर हो गया है। आए दिन बंदर कभी लोगों पर हमला कर देते हैं तो कभी उनका सामान ही उठाकर भाग जाते हैं। बंदरों के आतंक का शिकार इस बार आम आदमी नहीं बल्कि जिले का सबसे बड़ा अधिकारी हो गया। अफसरों और पुलिसकर्मियों के बीच से बंदर चश्मा लेकर भाग निकला। काफी मशक्कत के बाद बंदर से चश्मे को वापस लाया जा सका। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
मामला मथुरा जिले का है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बंदर मथुरा डीएम नवनीत चहल का चश्मा लेकर भाग निकलता है और ऊंचे स्थान पर जाकर बैठ जाता है। मजे की बात तो यह है भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच यह बंदर अपना कारनामा करके चला गया और कोई कुछ न कर पाया।
मथुरा डीएम नवनीत चहल बांके बिहार मंदिर में हुए हादसे के बाद घटना की जानकारी लेने पहुंचे थे। उनके साथ अन्य अफसर और पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। इसी बीच एक बंदर आया और डीएम का चश्मा लेकर भाग गया। डीएम के साथ हुई इस घटना के बाद अफसरों के हाथ पांव फूल गए। सभी ने बंदर से चश्मा बरामद करने की कोशिश की। खान-पान से लेकर हर तरह का लालच बंदर को दिया गया, लेकिन बंदर ने चश्मा नहीं छोड़ा। काफी देर तक यह क्रम चलता रहा। आखिरकार बड़ी मिन्नतों के बाद डीएम का चश्मा बंदरों ने लौटा दिया।
लंबे समय से बंदरों से परेशान लोगों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है। शनिवार से बंदरों को पकड़ने का अभियान नगर निगम के आदेश पर मथुरा की टीम ने शुरू कर दिया। पहले दिन सिविल लाइंस क्षेत्र से 72 बंदरों को पकड़ा गया। पिंजरे में कैद बंदरों में बच्चे हैं, जबकि वन विभाग की शर्त है कि 100 खूंखार बंदर को ही पकड़ा जाएगा। हालांकि नगर निगम अधिकारी दावा कर रहे है पकड़े गए बंदरों की उम्र 6 माह से 7 वर्ष तक है। उधर, आम लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि नगर निगम को मात्र 100 बंदरों को ही पकड़ने की अनुमति दी है।
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