दो दशक तक अंतराज्यीय टायर चोरों का गढ़ रहा बहेड़ी अब चोरी की गाड़ियां काटने का बना हब


  
बरेली से संवाददाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

जनपद बरेली बहेड़ी _ दो दशकों तक अंतराज्यीय टायरचोरों का गढ़ रहा बहेड़ी अब चोरी की गाड़ियां काटने का बना हब, बहेड़ी पुलिस की रही है संदिग्ध भूमिका, सपा-भाजपा की सरकारों मे नेताओं की भी मोटी उगाही का रहा है ज़रिया।

सन  1990 के बाद दो दशकों तक अंतरराज्यीय टायर चोरों  के ठिकाने के कारण देशभर मे बदनाम रहा है बहेड़ी, अब टायर चोरों से निजात मिलने के बाद चोरी की गाडियां काटने का सुविधाजनक अड्डा है बन चुका है, सूत्रों के मुताबिक पिछली भाजपा सरकार मे तो भाजपा के एक बड़े नेता के करीबी रिश्तेदार के कबाड़ियों से मोटी उगाही के रहे हैं चर्चे।

टायर चोरी के लिए लगभग 2  दशकों तक बदनाम रहा जनपद बरेली का  बहेड़ी कस्बा अब टायर चोरों से निजात मिलने के बाद कबाड़खाने की आड़ मे  चोरी की गाड़ियां काटने का हब बन गया है। यहां कबाड़खाने के आड़ मे धड़ल्ले से चोरी की चार पहिया गाड़ियां काटकर बेची जा रही हैं। चोरी की गाड़ियां काटने बाले कबाड़ी कबाड़खाने के नाम पर एक-दो सरेंडर गाड़ियों के कागज हर समय अपने पास रखते हैं, जिससे उन्हें चोरी की गाड़ियां काटने के दौरान बड़े अधिकारियों की छापेमारी करने पर उन्हें दिखाया जा सके। चोरी की गाडियां का काटने के इस गोरखधंधे को बहेड़ी की खाकी और खादी का हमेशा संरक्षण मिलता रहा है। इस गोरखधंधे मे बहेड़ी थाना पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। सूत्रों की माने तो पिछले 10 बर्षों से बहेड़ी के बाईपास पर चल रहे इस काले कारोबार की शुरुआत से लेकर अब तक बहेड़ी थाने से लेकर चौकी और बरेली के दर्जनों आला अधिकारी बदल गये, लेकिन चोरी की गाड़ियां काटने का यह कालाधंधा लगातार -फल फूलता गया। हालात यह हैं कि बहेड़ी के पश्चिम मे स्थित बाईपास पर एक -दो कबाड़ खाने के नाम पर शुरू किया गया यह गोरखधंधा बहेड़ी की खाकी और खादी की शह पर दर्जनों कबाड़ो की दुकान के रूप मे फैल गया है।सूत्रों की माने तो बहेड़ी बाईपास पर कबाड़े के रूप मे सजे चोरी की कार, ट्रक और अन्य चार पहिया गाड़ियां काटने के दर्जनों अवैध अडडे सपा सरकार के साथ साथ भाजपा की सरकार मे नेताओं की कमाई के मोटे ज़रिए के अलावा बहेड़ी पुलिस की आमदनी का भी बेहतरीन माध्यम रहे हैं। इसलिए जब खाकी और खादी ने सहारा दिया तो किसकी मजाल कि इन अवैध अडडों पर हाथ डाल दे। सूत्रों के मुताबिक सभी कबाड़ी से बहेड़ी थाने को मोटा माल जाने के अलावा जिस पार्टी की सत्ता रहती है, उसके  नेताओं की शह पर उनके गुर्गे व रिश्तेदारों द्वारा भी मोटी उगाही होती रही है।भाजपा-सपा की सरकारों के दौरान चोरी की गाड़ियां काटने का यह काला धंधा एक समान चलता रहा है। दोनों ही सरकारों मे सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा कबाड़ियों से मोटा माल बसूला जाता रहा है। इसके अलावा बहेड़ी थाना व चौकी पुलिस को पूरी मामले की जानकारी होते हुए भी इन कबाड़ियों से मोटी उगाही के लालच के चलते कभी बड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है। 3 साल पहले ज़रूर यूपी के एक जिले मे चोरी हुए ट्रक को चुराने बाले चोरों का कनेक्शन बहेड़ी के कुछ कबाड़ियों से मिलने पर बहेड़ी पुलिस ने उन कबाड़ियों को जेल भेजा था। इस एक अपवाद केस के अलावा बहेड़ी पुलिस ने चोरी की गाड़ियां काटने बाले कबाड़ियों के विरुद्ध पिछले 10 बर्षों के दौरान आज तक कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की है। जबकि बहेड़ी मे धड़ल्ले के साथ कबाड़खाने के नाम पर चोरी की चार पहिया गाड़ियां काटी जा रही हैं। चोरी की  गाड़ियां काटने बाले कबाड़ियों के पास न तो गाड़ियों के कागजात होते हैं और न ही परिवहन विभाग  मे गाड़ी सरेंडर करने से संबंधित किसी तरह की एनओसी। फिर भी   बहेड़ी के कबाड़ी बे रोक टोक कबाड़ खाने की आड़ मे चोरी की गाड़ियां काटकर निबटाये जा रहे हैं। एक समय बहेड़ी देशभर से ट्रकों के टायर चोरी कर लाने बाले ट्रक चोरों का गढ़ बन गया था।टायर चोरों से काफी लंबे समय जूझने के बाद बहेड़ी को मिली निजात के बाद चोरी की गाड़ियां कटने का हब बन चुका बहेड़ी अब फिर नेशनल लेवल पर बहेड़ी को बदनाम करने का कारण न बन जाये।




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