इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर विकास विभाग के नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए सरकार को बड़ा झटका दिया है।
बरेली से संवाददाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर विकास विभाग के नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए सरकार को बड़ा झटका दिया है। लेकिन इलेक्शन का रास्ता साफ करते हुए अदालत ने ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य डिक्लेअर कर दिया है। सरकार को जल्द इलेक्शन कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की ओर से नगर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया गया है। लखनऊ पीठ ने नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से ओबीसी आरक्षण को लेकर जारी किया गया नोटिफिकेशन रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पेटीशन को मंजूरी देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ अपना फैसला देते हुए कहा है कि चुनाव कब होंगे इसका फैसला सरकार एवं आयोग को करना है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बगैर ओबीसी आरक्षण के ही नगर निकाय चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ में दिया है। कोर्ट में सुनवाई चलते रहने की वजह से राज्य निर्वाचन आयोग अब किसी भी समय नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। अदालत ने कहा है कि जब तक ट्रिपल टेस्ट नहीं हो, उस समय तक ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा। अदालत ने बगैर आरक्षण के तत्काल चुनाव कराने के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं। लखनऊ खंडपीठ की ओर से दिए गए इस आदेश के बाद नगर निकाय चुनाव लड़ने को ताल ठोकने को तैयार लोगों के चेहरे खिल उठे हैं।
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