बरेली से संवाददाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ हवालात से बचने को आज़माए सभी दांव और हथकंडे हुए फेल, पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार को अल्टिमेटली जाना पड़ा जेल, जानकारी के अनुसार 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार और बीजेपी के पूर्व दिवंगत विधायक केसर सिंह गुटों मे संघर्ष के मामले मे कोर्ट ने पिछले दिनों भगोड़ा घोषित किया, भगवत सरन ने किया सरेंडर।
जानलेवा हमले के 5 साल पुराने मामले मे फरार चल रहे वरिष्ठ सपा नेता व पूर्व मंत्री तथा नवाबगंज से 5 बार विधायक रहे भगवत सरन गंगवार को स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके 10 साथियों सहित गुरुवार को जेल भेज दिया। हालांकि पूर्व मंत्री की तरफ से गुरुवार को ही वेल की अर्जी लगाई गई थी। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, 2017 विधानसभा चुनाव के समय सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार और भाजपा उम्मीदवार केसर सिंह गंगवार गुटों के बीच रास्ते मे संघर्ष होने के बाद केसर गुट की तरफ से भगवत सरन गुट के विरुद्ध नवाबगंज थाने मे गंभीर धाराओं के अंतर्गत मुकदमा लिखाया गया था। इसके बाद भगवत सरन गंगवार ने भी केसर सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ क्रास एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले मे पूर्व मंत्री भगवत सरन की ओर से पिछले दिनों स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट मे अ्ग्रिम जमानत के लिए दी गई, अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर उन्हें नॉन बेलेवल वॉरंट जारी किया था। लेकिन वे कोर्ट मे हाजिर नहीं हुए, जिसके बाद पिछले दिनों पुलिस ने उनके घर नोटिस चस्पा कर उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। आज गुरुवार को पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार ने अपने साथियों संग स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट मे सरेंडर कर दिया। जिसके बाद उन्हें और उनके अन्य समर्थकों पुरूषोत्तम गंगवार, वीरपाल, विनोद दिवाकर, अनिल गंगवार, महेन्द्र सिंह, शेर सिंह गंगवार, तरूण कुमार और सुधीर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया गया। जेल जाने से पूर्व मंत्री भगवत सरन ने मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों की तरफ से क्रॉस एफआईआर होने के बाद इस मामले मे पुलिस ने एफआर लगाकर केस बंद कर दिया था। लेकिन 2017 मे बीजेपी की सरकार आने के बाद राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर फिर से फाइल खोल दी गई थी।
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