संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ आंकड़े चिंता जगाने वाले जरूर हैं लेकिन यह सच है कि पिछले एक महीने में ही मंडल में ऐसी किशोरियों की संख्या 65 के पार पहुंच गई है जो कल्पना के झूठे संसार की तलाश में घर छोड़ गईं। यह एक अलग चिंता की बात है कि ज्यादातर किशोरियों ने अपनी जोड़ी बनाने का यह सपना खुद से काफी ज्यादा उम्र के युवकों के साथ देखा और घर से सारा जेवर और कैश भी समेट ले गईं। पुलिस इनमें से 10 किशोरियों को ही तलाश कर पाई है।
पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक
पिछले एक महीने में बरेली से 22, शाहजहांपुर से 17, पीलीभीत से 14 और बदायूं जिले से 12 किशोरियां घर छोड़कर भागी हैं। किशोरों की संख्या सिर्फ 10 है जिसका साफ मतलब है कि ज्यादातर किशोरियों को ले जाने वाले लोग उनके हमउम्र नहीं हैं। ये आंकड़े घर से भागी उन किशोरियों के हैं जिनके परिवार की ओर से केस दर्ज कराए गए हैं। बदनामी के डर से जो मामले पुलिस तक नहीं पहुंचे, उनकी संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है।
किशोरियों के घर छोड़ने के जिन मामलों में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई, उनमें से कई में पुलिस के दबाव में कुछ किशोरियों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। कई मामलों में कोर्ट के चक्कर और बदनामी से बचने के लिए लड़कियों के परिवार ने समझौता कर लिया।
सबकुछ गंवाने के बाद गर्भवती होकर लौटीं, बच्चों को जन्म देकर फेंक दिया
बरेली में कई ऐसे केस हैं, जिनमें घर से भागी किशोरियों के सपने चंद दिनों में ही बिखर गए। वे सब कुछ गंवाने के बाद गर्भवती होकर घर लौटीं। जिले में बच्चों को जन्म देने के बाद फेंक देने की घटनाएं भी कम नहीं हैं। हाल ही में जिला महिला अस्पताल में शेरगढ़ की एक किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया था। पिछले दिनों आंवला में एक नवजात शिशु मिला था। बिथरी, इज्जतनगर, सुभाषनगर में भी ऐसे केस सामने आ चुके हैं।
बचपन में जिस्मानी रिश्ते...यौन रोगों का भी हो रही हैं शिकार
कम उम्र में जिस्मानी रिश्ते बनाने के मामले बढ़ने के कारण किशोरियां बड़ी संख्या में यौन रोगों से भी पीड़ित हो रही हैं। महिला अस्पताल के साथ निजी अस्पतालों में ऐसे केस बढ़े हैं। बरेली के अस्पतालों में हर दिन ऐसे करीब 125 केस आने का औसत है।
शहर के थानों में हर दिन दर्ज होता है कोई न कोई केस
थाना किला में पिछले दो दिनों में दो किशोरियों की गुमशुदगी दर्ज हुई है। एक किशोरी कॉलेज आई थी और प्रेमी के साथ चली गई। शहर के थानों में हर दिन किशोरियों के गायब होने की शिकायत दर्ज होती है। पुलिस के मुताबिक ज्यादातर किशोरियों की कॉल डिटेल में पता चला कि वे किसी न किसी लड़के से बात करती थीं। अब इनके मोबाइल ऑफ हैं। 22 में से 17 किशोरियां घर से कैश और जेवर के साथ अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र भी ले गईं।
0 टिप्पणियाँ