डीएम को जल्द ही चुनावी खर्च की रिपोर्ट सौंप सकते हैं मुख्य कोषाधिकारी
संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ कई बार पत्र जारी करने के बाद भी प्रत्याशियों ने निकाय चुनाव के खर्च का ब्योरा और लेखा की जांच नहीं कराने वालों को अब कोई मौका नहीं मिलेगा। तीन दिनों के लिए दिए गए आखिरी मौके को भी प्रत्याशियों ने गंवा दिया है। ऐसे में प्रत्याशियों की जमानत राशि जब्त करने का प्रावधान है। हालांकि कार्रवाई पर डीएम निर्णय लेंगे।
दरअसल, निकाय चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को 6 से 8 जून के बीच में चुनावी खर्च का ब्योरा और सौंपे गए व्यय की सूची का मिलान कराने का अंतिम मौका दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी काफी तादाद में प्रत्याशियों ने न तो खर्चे का ब्योरा मुहैया कराया और न ही ट्रेजरी पहुंचकर लेखा की जांच कराई।
ऐसे में अब इसका समय खत्म हो गया है
अब आगे इन्हें कोई मौका भी नहीं मिलने वाला है। मुख्य कोषाधिकारी पारस नाथ गुप्ता ने बताया कि 6 से 8 जून तक प्रत्याशियों के लिए आखिरी मौका था। जिसने सूची दी और लेखा की जांच कराई, किसने नहीं कराई, इसकी रिपोर्ट तैयार हो रही है। जल्द ही डीएम को सौंप देंगे। इसके बाद क्या कार्रवाई करनी है, डीएम ही अपने स्तर से निर्णय लेंगे।
जानकारी छिपाने के यह हो सकते हैं कारण:
मामले में यह भी कहा जा रहा है कि हो सकता है कि चुनावी खर्च का ब्योरा मुहैया नहीं कराने वाले प्रत्याशियों को जमानत राशि बचाने भर के वोट न मिले हों, इसलिए वह जानकारी नहीं दे रहे हों। प्रभारी सहायक निर्वाचन अधिकारी अंजनी प्रताप सिंह ने बताया कि चुनावी खर्च और लेखा की जांच नहीं कराने पर प्रत्याशियों की जमानत राशि जब्त करने का प्रावधान है।
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