मीरगंज तहसील प्रशासन के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत



संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

फतेहगंज पश्चिमी _ विगत दिनों जनप्रतिनिधियों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के बीच होने वाली एक मीटिंग के दौरान आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप एवं बरेली सांसद संतोष गंगवार के द्वारा गांव से लेकर तहसील तक भ्रस्टाचार की शिकायत किए जाने के बाद जिलाधिकारी ने लिखित में शिकायत मांगी थी। जनप्रतिनिधियों की प्रेरणा से अब जनसामान्य भी तहसील प्रशासन के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर लिखित शिकायत देने लगे हैं। इसी क्रम में ब्रह्मणोत्थान मंच के प्रदेश महासचिव सुनील कुमार शर्मा ने तहसील दिवस में शिकायती पत्र देकर मीरगंज तहसील प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उनका आरोप है कि उनकी माता का निधन मई 2018 में हो जाने के बावजूद भी सुविधा शुल्क न देने के कारण आज तक विरासत दर्ज नहीं हो पाई है जबकि माननीय मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश है कि अविवादित विरासतों को तत्काल दर्ज किया जाए। बाबजूद इसके तहसील प्रशासन बिना सुविधा शुल्क के कोई काम करने को तैयार नहीं है।  श्री शर्मा ने विरासत हेतु सन 2018 से 2021 तक पहले तत्कालीन लेखपालों से अनुरोध किया फिर 2021 में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर लिखित शिकायत दर्ज कराई, विरासत हेतु ऑनलाइन आवेदन भी किए किंतु तहसील प्रशासन के भ्रष्टाचार के कारण आज तक उनकी विरासत दर्ज नहीं हो पाई। श्री शर्मा की जमीन राजस्व ग्राम टीहरखेड़ा व राजस्व ग्राम  चिटौली में है। कुछ जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर चिटौली के तत्कालीन लेखपाल ने और कानूनगो ने विरासत के आदेश पारित कर दिए। किंतु  रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय की मनमानी के कारण दो साल बीतने के बावजूद भी अभिलेखों में विरासत दर्ज नहीं हो पायी, वहीं टीहर खेड़ा के तत्कालीन लेखपाल ने सुविधा शुल्क न देने के कारण कागज नहीं दिए। टिप्पणी लिख कर विरासत पर असहमति दर्ज कर दी। जबकि श्री शर्मा ने दोनों गांवों के लेखपालों को एक समान डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराए थे। लेखपाल की यह जिम्मेदारी होती है कि वह मौके पर जाकर जांच करे। और अपनी आख्या सहित आवेदन राजस्व निरीक्षक को अग्रसारित करे। किंतु तत्कालीन लेखपाल ने मौके पर जाकर जांच किये बिना ही विरासत कैंसिल कर दी। श्री शर्मा ने पुनः विरासत हेतु ऑनलाइन ऑनलाइन आवेदन किया। किंतु आज तक उनकी विरासत अभिलेखों में दर्ज नहीं हो पाई है। श्री शर्मा ने किसानों को केसीसी लोन लेने हेतु जमीन के बंधक कराने एवं लोन अदा करने के बाद जमीन को बंधन मुक्त कराने की प्रक्रिया में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। श्री शर्मा ने तहसील दिवस में ही तहसील प्रशासन के भ्रष्टाचार की शिकायत की है।  अब देखते हैं की तहसील प्रशासन अपने कर्मचारियों व अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर रोक लगा पाता है अथवा नहीं।

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