दिल्ली-NCR में दम घोंटती हवा के चलते रविवार को ग्रैप के सबसे आखिरी कदम चरण-4 को लागू कर दिया गया। खास बात यह है कि शुक्रवार को जब AQI 468 था ग्रैप-4 नहीं लाया गया, लेकिन रविवार को 454 AQI में इसे लागू कर दिया गया। कमिशन फॉर एयर क्वालिटी एंड मैनेजमेंट ने यह फैसला लिया। नई पाबंदियों के मुताबिक, जरूरी सामानों से जुड़े और LNG, CNG, इलैक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर दूसरे ट्रक दिल्ली में नहीं चल सकेंगे। NCR से वही गाड़ियां एंट्री कर सकेंगी जो इलैक्ट्रिक, CNG, BS-6 डीजल की होंगी। हाइवे, सड़कें, फ्लाईओवर, पाइपलाइन आदि का निर्माण नहीं हो सकेगा। सरकारें इमरजेंसी से जुड़े कदम पर फैसले ले सकती हैं, जैसे ऑड-ईवन लागू करने, दफ्तरों को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ चलाने का फैसला। पूर्वानुमानों के मुताबिक, आने वाले समय में प्रदूषण की स्थिति में सुधार होने की संभावना भी नहीं दिख रही है। पिछले साल ग्रैप-4 तीन नवंबर को लगाया गया था और छह नवंबर को इसे हटा लिया गया था।
प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार ने नर्सरी से क्लास 5 (प्राइमरी क्लास) तक की क्लासों को 10 नवंबर तक बंद कर दिया है। साथ ही, बाकी कक्षाओं के लिए शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को ऑनलाइन मोड में पढ़ाई कराने का ऑप्शन दिया है। जो स्कूल फिजिकल मोड पर नहीं चलाए जाएंगे, उनके टीचर्स को स्कूल आना होगा और नियमित तौर पर ऑनलाइन क्लास लेनी होंगी। सभी स्कूलों को कहा है फैसले की जानकारी पैरंट्स को दें। इससे पहले प्राइमरी क्लास 3 और 4 नवंबर को बंद किए थे।
लगातार गंभीर होते जा रहे प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सीएक्यूएम ने रविवार शाम से दिल्ली में ग्रैप के चौथे फेज को लागू करने की घोषणा कर दी। इसके कुछ ही देर बाद दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने ग्रैप-4 की एडवाइजरी के तहत दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर पाबंदी के संबंध में आदेश जारी कर दिया। यह आदेश रविवार देर शाम से ही लागू कर दिया गया है। ट्रांसपोर्ट विभाग की एनफोर्समेंट विंग की सभी टीमों को बॉर्डर पर कड़ी चेकिंग करके यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि इन पाबंदियों को पूरी सख्ती से लागू किया जाए, ताकि दिल्ली में अनावश्यक गाड़ियों की एंट्री को रोका जा सके।
ट्रांसपोर्ट विभाग के स्पेशल कमिश्नर की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली में तुरंत प्रभाव से ग्रैप-4 लागू हो गया है। इसके साथ ही ग्रैप-1 से लेकर 3 तक की पाबंदियां भी लागू रहेंगी। ग्रैप-4 के तहत मिले निर्देशों का पालन करते हुए ट्रासंपोर्ट विभाग गाड़ियों की मूवमेंट को नियंत्रित करेगा। इसके तहत अब अगले आदेश तक डीजल से चलने वाले केवल उन्हीं ट्रकों को दिल्ली में एंट्री मिलेगी, जो सिर्फ दूध, दही, अनाज, फल, सब्लियां, अंडे, ब्रेड, बर्फ, खाने का सामान, दवाइयां, पेट्रोलियम पदार्थ, एलपीजी सिलिंडर जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें ला रहे होंगे। बाकी सामान ला रहे ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। हालांकि, सीएनजी, एलएनजी या इलेक्ट्रिक ट्रकों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। यानी अगर किसी को आवश्यक वस्तुओं के अलग कोई सामान दिल्ली में मंगाना है, तो उसके लिए इलेक्ट्रिक या सीएनजी से चलने वाले ट्रक का इंतजाम करना पड़ेगा।
दिल्ली से बाहर दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड लाइट कमर्शल वीकल्स पर भी यही नियम लागू होगा। केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-6 डीजल इंजन वाली लाइट कमर्शल गाड़ियों को ही दिल्ली में एंट्री मिलेगी। हालांकि, रोजमर्रा की जरूरत का सामान ला रहीं लाइट कमर्शल गाड़ियों पर यह पाबंदी लागू नहीं होगी। इसके अलावा दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल से चलने वाले मीडियम और हैवी गुड्स वीकल्स को चलाने पर भी रोक रहेगी। केवल आवश्यक वस्तुएं ले जा रही गाड़ियों को ही चलने की छूट मिलेगी। अगर कोई गाड़ी नियम तोड़ते हुए पाई गई, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा और मोटर वीकल एक्ट के प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20 हजार रुपये का चालान भी कट सकता है। ट्रैफिक पुलिस से भी कहा गया है कि वह बॉर्डर पर ट्रकों की चेकिंग में ट्रांसपोर्ट विभाग की एनफोर्समेंट टीमों को सहयोग करें।
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