इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान और परिवार को दी बड़ी राहत, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में मिली जमानत



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा (Tazeen Fatma) और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने तीनों को जमानत देने के साथ-साथ ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा पर भी रोक लगा दी है।

7 साल की सजा पर हाईकोर्ट की रोक

रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने पिछले साल 18 अक्टूबर को आजम खान, तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई थी। अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में तीनों को दोषी पाया गया था। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने इस मामले में 14 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो आज सुनाया गया।

अब्दुल्ला आजम के चुनाव पर सवाल

2017 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। लेकिन विरोधी कैंडिडेट और BSP नेता नवाब काजिम अली खान ने उनकी उम्र को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला की उम्र विधायकी के लिए निर्धारित 25 साल से कम थी।

जन्म प्रमाण पत्र में विसंगतियां

अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में उनकी जन्म तारीख 1 जनवरी 1993 थी, जबकि बर्थ सर्टिफिकेट में 30 सितंबर 1990 दर्ज थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया और उनके चुनाव को रद्द कर दिया।

परिवार को मिली राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला आजम खान और उनके परिवार के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है। इस मामले में कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक तीनों को जमानत मिल गई है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि ट्रायल कोर्ट के फैसले पर हाईकोर्ट का अंतिम निर्णय क्या होता है।

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