भारत में भीषण गर्मी के बीच मानसून की दस्तक, जल्द केरल पहुंचने की उम्मीद




देश का बड़ा हिस्सा इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहा है, जहां कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। कई राज्यों में गर्मी के रिकॉर्ड टूट गए हैं, जिससे स्वास्थ्य और आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में रविवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा और दिन में लू चलने की संभावना है। ऐसे में गर्मी से राहत पाने के लिए हर कोई बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

आईएमडी ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रविवार को देश के दक्षिणी छोर निकोबार द्वीप पर दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के अनुसार, ‘दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को मालदीव के कुछ हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है।’ मानसून के 31 मई तक केरल पहुंच जाने की उम्मीद है। 

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 150 साल में केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख व्यापक रूप से अलग-अलग रही है। केरल में मानसून सबसे देरी से 1972 में 18 जून को और सबसे पहले 1918 में 11 मई को पहुंचा था। पिछले कुछ वर्षों में, मानसून क्रमशः 2023 में आठ जून, 2022 में 29 मई, 2021 में तीन जून और 2020 में एक जून को केरल पहुंचा था। 

आईएमडी ने पिछले महीने ला नीना की अनुकूल स्थितियों के कारण सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया था। ला नीना की स्थितियां भारत में मानसून के दौरान अच्छी बारिश में मदद करती हैं। दक्षिणी भारत में अप्रैल में लू का प्रकोप देखा गया था, जिससे बिजली ग्रिड पर दबाव बढ़ गया था और जल निकाय सूख रहे थे। इसके परिणामस्वरूप देश के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।

मानसून के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान तेजी से विकास कर रहे दक्षिण एशियाई देश के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। भारत के कृषि परिदृश्य के लिए मानसून महत्वपूर्ण है और 52 प्रतिशत शुद्ध खेती योग्य क्षेत्र इस पर निर्भर है। यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा, पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। जून और जुलाई को कृषि के लिए मानसून के सबसे महत्वपूर्ण महीने माना जाता है क्योंकि इस अवधि के दौरान अधिकतर खरीफ फसलों की बुआई होती है।

इस प्रकार, मानसून की यह दस्तक भीषण गर्मी से जूझ रहे देशवासियों के लिए राहत की खबर लेकर आई है।

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