गाजीपुर में भीषण हीटवेव का कहर गुरुवार को चरम पर पहुंच गया। अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, जबकि फील लाइक तापमान 51 डिग्री रहा। इस अत्यधिक गर्मी के चलते मेडिकल कॉलेज में मरीजों का तांता लग गया। बताया जा रहा है कि गुरुवार को हीटवेव से 7 से 8 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रशासन का दावा है कि इनमें से किसी भी मरीज की मौत इलाज के दौरान नहीं हुई है।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आनंद मिश्रा के अनुसार, गुरुवार को अस्पताल में बुखार, खांसी, जुकाम और पेट दर्द के मरीज बड़ी संख्या में आए। प्रिंसिपल ने बताया कि अब तक 5 से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन ये सभी ब्राड डेड (पहले से मृत) थे।
हीटवेव के कारण गाजीपुर में पिछले एक सप्ताह से स्थिति बदतर बनी हुई है। बुधवार को तापमान 45 डिग्री था, जबकि गुरुवार को यह 46 डिग्री तक पहुंच गया, जिससे हालात और बिगड़ गए। गर्मी से निपटने में अस्पतालों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मरीजों की बढ़ती संख्या से अस्पताल में थोड़ी देर के लिए अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई, लेकिन प्रिंसिपल आनंद मिश्रा ने खुद कमान संभालते हुए 7 से 8 डॉक्टरों के साथ इलाज शुरू किया।
मेडिकल कॉलेज में अपने नाना को लेकर पहुंचे विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके नाना का इलाज हो चुका है और वे अब घर जा रहे हैं। वहीं, प्रियंका ने बताया कि वह हीटवेव के शिकार वृद्ध दंपत्ति को लेकर अस्पताल पहुंची थीं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।
हीटवेव की चपेट में आने से अब तक जिले में 40 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घर से बाहर निकलने से बचें और पर्याप्त पानी पिएं। गर्मी से बचाव के लिए सभी उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
गाजीपुर में जारी इस भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। अब देखना यह है कि प्रशासन और चिकित्सा विभाग मिलकर इस आपदा से कैसे निपटते हैं।
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