पेट फाड़कर बेटा या बेटी जांचने वाले पति को आजीवन कारावास, कोर्ट का सख्त फैसला



पन्नालाल की घिनौनी करतूत ने ली आठ माह के गर्भस्थ शिशु की जान, पत्नी की मुश्किल से बची जान

शहर के मोहल्ला नेकपुर निवासी पन्नालाल को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा पन्नालाल ने अपनी पत्नी अनीता के गर्भ में बेटे या बेटी की जांच करने के लिए उसका पेट फाड़ने के अपराध में दी गई है। इस घटना में आठ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी, जबकि महिला की जान बमुश्किल बचाई जा सकी थी।

 पति की बेटे की चाहत ने ली शिशु की जान

पन्नालाल ने 22 साल की शादीशुदा जिंदगी में पांच बेटियों के बाद अपनी पत्नी पर बेटा पैदा करने का दबाव डाला। जब अनीता छठी बार गर्भवती हुई, तो पन्नालाल ने उसे धमकी दी कि अगर इस बार बेटी पैदा हुई, तो वह दूसरी शादी कर लेगा। 

 घटना का दिन: 19 सितंबर 2020

19 सितंबर 2020 की शाम को पन्नालाल ने अपने पागलपन में अनीता का पेट हंसिये से चीर दिया। गंभीर हालत में अनीता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे बरेली रेफर कर दिया गया। 

 न्यायालय का सख्त फैसला

न्यायालय ने पन्नालाल को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (जानलेवा हमला) के तहत आजीवन कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही धारा 313 (इच्छा के विरुद्ध गर्भपात करना) के तहत दस साल कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। 

 न्यायाधीश का वक्तव्य

विशेष न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने कहा कि अभियुक्त ने अत्यंत वीभत्स तरीके से पत्नी को जान से मारने की नीयत से उसके पेट व छाती पर हंसिये से प्रहार किया। इससे पीड़िता का पेट फट गया और उसकी छोटी आंत बाहर आ गई। आठ महीने के शिशु का गर्भपात हो गया था। अभियुक्त को कानून का भय नहीं है, इसलिए सख्त सजा दी गई। 

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