प्रशांत किशोर ने बताया विपक्ष के तीन बड़े मौके, जहां BJP को मात दी जा सकती थी



लोकसभा चुनाव में पांच चरण की वोटिंग पूरी हो चुकी है और अब सिर्फ दो चरण का मतदान बाकी है। ऐसे में सीटों के अनुमान और जीत-हार की चर्चाओं के बीच राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। प्रशांत किशोर का मानना है कि विपक्ष ने बीजेपी पर जीत दर्ज करने के कई मौके गंवाए हैं। उन्होंने बताया कि विपक्ष के पास तीन बड़े मौके थे, जहां वह बीजेपी को मात दे सकती थी, लेकिन इन अवसरों का सही उपयोग नहीं किया गया।


पहला मौका: 2015-2016 का दौर

प्रशांत किशोर ने बताया कि 2015 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जीत दर्ज की और उसी साल नवंबर में बिहार में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली। इस दौरान बंगाल, असम और तमिलनाडु के चुनाव हुए, जिनमें बीजेपी को सफलता नहीं मिली। यह 15 महीनों का वह समय था जब विपक्ष के पास बाउंस बैक करने का सुनहरा मौका था, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने इसे नहीं भुनाया।


दूसरा मौका: नोटबंदी के बाद का समय

प्रशांत किशोर ने दूसरा मौका नोटबंदी के बाद के समय को बताया। नोटबंदी के बाद ग्रामीण और आर्थिक निराशा का माहौल था। हालांकि यूपी चुनाव में बीजेपी को जीत मिली, लेकिन गुजरात चुनाव से पहले पटेलों का आंदोलन और महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन ने बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी कर दी थी। इस समय कांग्रेस ने अपने 20 साल में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और बीजेपी मुश्किल से गुजरात बचा पाई। इसके बाद कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। 2017 के मध्य से लेकर 2018 के अंत तक का यह समय विपक्ष के लिए एक और सुनहरा मौका था, जिसे उन्होंने गंवा दिया।


तीसरा मौका: कोविड की दूसरी लहर

प्रशांत किशोर ने तीसरा मौका कोविड की दूसरी लहर के दौरान बताया। उस समय बंगाल चुनाव में बीजेपी को हार मिली और सरकार बैकफुट पर थी। नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आई थी और यह समय बीजेपी और मोदी के लिए चुनौतीपूर्ण था। विपक्ष ने इस मौके को भी गंवा दिया।


अंतिम मौका: इंडिया गठबंधन

प्रशांत किशोर ने बताया कि अंतिम मौका तब आया जब विपक्ष ने इंडिया गठबंधन बनाया। जून में विपक्ष के एकजुट होने से उनके समर्थकों में उत्साह आया कि इस बार वे बीजेपी या मोदी को चुनौती दे सकते हैं। अगर विपक्ष सफल होता तो बीजेपी का नंबर 220-240 भी हो सकता था।

प्रशांत किशोर के अनुसार, विपक्ष के पास हर एक-दो साल में बीजेपी पर हावी होने का मौका आता है, लेकिन इन मौकों को सही से भुनाने की जरूरत है।

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