आंध्र प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया में अब तक कई सवाल उठे हैं। इनमें से एक बड़ा सवाल है - अगर जनता द्वारा चुने गए नेता ही चुनाव प्रक्रिया को बाधित करें, तो कौन संभालेगा चुनावी न्याय? यह सवाल खासकर एक सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी विधायक के व्यवहार पर उठा है, जिन्होंने चुनावी मशीनें तोड़ी हैं।
आंध्र प्रदेश में 13 मई को चुनाव हुए थे, जिसमें वाईएसआरसीपी विधायक ने ईवीएम मशीनें तोड़ीं। इस मामले में चुनाव आयोग ने सख्त आपराधिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीईओ मुकेश कुमार मीना के कार्यालय पहुंचे और इस मामले की जांच शुरू की गई है।
मामले में कई अन्य उच्चाधिकारियों को भी शामिल किया गया है, और चुनाव आयोग ने सभी विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में कोई भी अशांति न फैले, पुलिस ने घटनाओं की जांच शुरू की है।
चुनाव प्रक्रिया में इस तरह की घटनाओं के सामने आना बहुत ही चिंताजनक है, और सभी संघर्षों के बावजूद चुनावी न्याय की सुनिश्चितता के लिए सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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