अयोध्या हार के पीछे का रहस्य: भाजपा ने जानबूझकर छोड़ी सीट, बोले परमहंस आचार्य



अयोध्या में भाजपा की हार को लेकर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर का बड़ा खुलासा, दलित सम्मान को बताया कारण

अयोध्या: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार को लेकर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भाजपा हारी नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। भाजपा ने जानबूझकर अयोध्या की सीट छोड़ी है ताकि एक बुजुर्ग और दलित प्रत्याशी का सम्मान किया जा सके।

रहस्य और सम्मान की राजनीति

परमहंस आचार्य ने कहा कि भाजपा का यह कदम दलित और बुजुर्गों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए था। "भाजपा ने जानबूझकर अयोध्या की सीट छोड़ी ताकि गठबंधन के दलित प्रत्याशी को सम्मान मिल सके। नरेंद्र मोदी का दलितों, गरीबों और किसानों के प्रति प्रेम और सम्मान अद्वितीय है," उन्होंने कहा।

रामायण से जोड़कर समझाया

परमहंस आचार्य ने अपने बयान में रामायण का जिक्र करते हुए बताया कि भगवान राम ने भी दलितों का सम्मान किया था। "भगवान राम ने मंथरा की बात मानकर वनवास स्वीकार किया और माता शबरी के जूठे बेर खाए। इसी तरह, भाजपा ने भी दलित सम्मान को सर्वोपरि मानते हुए यह कदम उठाया है," उन्होंने कहा।

चुनाव परिणाम और भविष्य

अयोध्या में भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को 4,99,722 वोट मिले, जबकि समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने 54,567 वोटों से जीत हासिल की। परमहंस आचार्य ने कहा, "यह हार नहीं है। अगली बार भाजपा यहां लाखों वोटों से जीतेगी।"

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