नगर के तीस तालाबों पर अतिक्रमण से जल संकट, अधिवक्ताओं ने जताया आक्रोश




इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट

मछलीशहर: नगर के तीस तालाबों पर भूमाफियाओं द्वारा फर्जी नाम दर्ज कराकर अतिक्रमण से अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश है। तालाबों के पटने से वाटर रिचार्जिंग की समस्या उत्पन्न हो गई है, जिससे नगर में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी राजेश कुमार चौरसिया को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों पर वार्ता की।

मुख्य बिंदु:
1. तालाबों पर अतिक्रमण और जल संकट: तालाबों के पटने से जल स्तर में कमी, पेयजल की समस्या।
2. फर्जी इंद्राज की शिकायत: भूमाफियाओं द्वारा तालाबों पर फर्जी नाम दर्ज कराना।
3. अधिवक्ताओं का धरना प्रदर्शन: तहसील में धरना देने का अल्टीमेटम, प्रशासन से वार्ता।
4. एस डी एम का आश्वासन: मुकदमों की सुनवाई कर फर्जी इंद्राज निरस्त करने और अवैध कब्जे हटवाने का वादा।
5. आर ओ प्लांट की मरम्मत: तहसील के आर ओ प्लांट की तत्काल मरम्मत की जाएगी, वैकल्पिक प्याऊ व्यवस्था।

प्रशासन और अधिवक्ताओं के बीच वार्ता
अधिवक्ताओं ने नगर के तालाबों पर अतिक्रमण और पेयजल समस्या को लेकर बुद्धवार को धरना देने का अल्टीमेटम दिया था। इस पर तहसील प्रशासन ने वार्ता का प्रस्ताव भेजा। उपजिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि 30 तालाबों से संबंधित मुकदमों की हफ्ते में दो दिन सुनवाई कर फर्जी इंद्राज निरस्त करेंगे और तालाबों पर किए गए अवैध कब्जे हटवाए जाएंगे। 

जल स्रोत संरक्षण और प्याऊ व्यवस्था
जल स्रोत के संरक्षण के साथ ही तहसील के आर ओ प्लांट की तत्काल मरम्मत कराई जाएगी। जब तक मरम्मत नहीं होती, अधिवक्ताओं और वादकारियों के लिए तहसील में प्याऊ की व्यवस्था की जाएगी।

अधिवक्ताओं की उपस्थिति
इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, महामंत्री वेद प्रकाश श्रीवास्तव, दिनेश चंद्र सिन्हा, आर पी सिंह, आलोक विश्वकर्मा, रमेश चंद्र यादव "बाबा", राज कुमार पटवा, वीरेंद्र मौर्य, हरि शंकर यादव, हरि नायक तिवारी, प्रेम बिहारी यादव, शंकर मोहन श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।

निष्कर्ष
नगर के तालाबों पर अतिक्रमण और जल संकट के समाधान के लिए अधिवक्ताओं ने प्रशासन के सामने मजबूती से अपनी मांगें रखी हैं। प्रशासन ने भी इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। अब देखना यह होगा कि कब तक तालाबों से अतिक्रमण हटाकर जल स्रोत को संरक्षित किया जा सकेगा।

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