कांग्रेस की बड़ी जीत, लेकिन अमेठी के नायक किशोरी लाल शर्मा मुश्किलों में
अमेठी से कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा ने हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा की स्मृति ईरानी को 1,67,196 मतों के अंतर से हराया। कांग्रेस ने अपनी सीटों की संख्या दोगुनी कर ली है और अमेठी सीट पर फिर से कब्जा जमाया है। लेकिन इस बड़ी जीत के बीच, किशोरी लाल शर्मा के नामांकन फॉर्म के एफिडेविट में एक बड़ी गलती सामने आई है।
एफिडेविट में गलती: 18वीं के स्थान पर 17वीं लोकसभा
किशोरी लाल शर्मा के नॉमिनेशन फॉर्म में 18वीं लोकसभा के स्थान पर 17वीं लोकसभा लिखा हुआ है। यह गलती सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि चुनाव आयोग इस गलती पर क्या कार्रवाई करेगा? क्या इस गलती के कारण किशोरी लाल शर्मा की सांसदी खतरे में पड़ सकती है?
चुनाव आयोग की जिम्मेदारी और संभावित कार्रवाई
लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों और एफिडेविट की जांच चुनाव आयोग करता है। आयोग को अगर किसी दस्तावेज में कोई भी गड़बड़ी या संदिग्ध जानकारी मिलती है, तो वह उम्मीदवार की उम्मीदवारी को रद्द भी कर सकता है। किशोरी लाल शर्मा के मामले में आयोग की गलती को पकड़ने में नाकाम रही, और उन्होंने उन्हें प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आयोग इस पर क्या कदम उठाता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस गलती को लेकर जबरदस्त हंगामा हो रहा है। लोग तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, कुछ लोग चुनाव आयोग की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं कि कैसे यह गलती उनसे छूट गई।
इस तरह की खबरें न सिर्फ कांग्रेस बल्कि चुनाव आयोग के लिए भी चुनौती बन सकती हैं। यह देखना बाकी है कि आयोग इस मुद्दे पर क्या कदम उठाएगा और कांग्रेस इसे कैसे संभालेगी।
निष्कर्ष
किशोरी लाल शर्मा की जीत कांग्रेस के लिए राहत की खबर है, लेकिन एफिडेविट की गलती ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब यह देखना बाकी है कि चुनाव आयोग इस पर क्या निर्णय लेता है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे की चर्चा तेजी से बढ़ रही है, जो किसी भी राजनीतिक दल के लिए अच्छी बात नहीं है।
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