विराट - रोहित के बाद रवींद्र जडेजा ने भी टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से कहा अलविदा: भारतीय क्रिकेट के एक युग का अंत, जानिए उनके करियर की खास बातें



भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है। विराट कोहली और रोहित शर्मा के बाद, जडेजा ने अपने संन्यास की खबर इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए साझा की। 


जडेजा का संन्यास संदेश

जडेजा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "पूरे दिल से आभार जताते हुए मैं टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों को अलविदा कहता हूं। गर्व से सरपट दौड़ने वाले एक दृढ़ घोड़े की तरह मैंने हमेशा अपने देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और अन्य प्रारूपों में भी ऐसा करना जारी रखूंगा। टी20 विश्व कप जीतना एक सपना सच होने जैसा था, मेरे टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर का एक शिखर। यादों, उत्साह और अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद। जय हिंद।"


टी20 विश्व कप 2024 में प्रदर्शन

अमेरिका और वेस्टइंडीज की मेजबानी में खेले गए टी20 विश्व कप 2024 में रवींद्र जडेजा का प्रदर्शन अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। उन्होंने कुल आठ मैच खेले जिसमें उन्होंने केवल 35 रन बनाए और मात्र एक विकेट लिया। 


टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर पर एक नजर

रवींद्र जडेजा ने 2009 में भारत के लिए टी20 डेब्यू किया था। अपने करियर में उन्होंने कुल 74 मैच खेले, जिसमें 127.16 के स्ट्राइक रेट से 515 रन बनाए और 54 विकेट अपने नाम किए। टी20 विश्व कप में उन्होंने 2009 से 2024 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें कुल 30 मैचों में 130 रन और 22 विकेट हासिल किए। एशिया कप में भी उन्होंने छह मैच खेले और दो पारियों में 35 रन बनाए।


भारत की जीत और जडेजा की भूमिका

भारत ने हाल ही में बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका को सात रनों से हराकर खिताब जीता। इस जीत में भले ही जडेजा का प्रदर्शन खास नहीं रहा, लेकिन उनकी मेहनत और योगदान ने टीम को मजबूती दी। 

भविष्य की योजनाएं

जडेजा ने स्पष्ट किया है कि वे अन्य प्रारूपों में खेलना जारी रखेंगे और भारतीय टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगे। उनके संन्यास से भारतीय टी20 टीम में एक महत्वपूर्ण स्थान खाली हो गया है, जिसे भरने के लिए नए खिलाड़ियों को मौका मिल सकता है।

इस खबर के माध्यम से जडेजा के टी20 करियर की एक झलक पेश की गई है, जिसमें उनके योगदान और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई है। उनके संन्यास के बाद, भारतीय टीम को उनके जैसे खिलाड़ी की कमी महसूस होगी, लेकिन उनके द्वारा दिए गए योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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