उत्तर प्रदेश सरकार ने दशकों से बंद पड़ी उद्योगों की जमीनों पर नए उद्योग लगाने की अनुमति दे दी है, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। लखनऊ स्थित स्कूटर्स इंडिया की जमीन पर अशोक लीलैंड इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित हो रहा है, जबकि बाराबंकी की बंद कताई मिल की जमीन पर आईटी सिटी बनाने की तैयारी है।
पुराने उद्योगों की जमीनों पर नए उद्योगों की स्थापना
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से बंद पड़ी उद्योगों की बंजर जमीनें अब नए उद्योगों का केंद्र बनेंगी। सरकार ने इन जमीनों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, आईटी सिटी, आईटी पार्क, और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री जैसी नई इकाइयाँ स्थापित करने का फैसला लिया है।
युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर
इस पहल का मकसद न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देना है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करना है। इंडस्ट्री विभाग ने सभी औद्योगिक प्राधिकरणों को बंद पड़ी उद्योगों की जमीनें चिह्नित कर उन्हें नए उद्योगों के लिए आवंटित करने के निर्देश दिए हैं।
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के एमओयू
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान राज्य सरकार ने करीब 34 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए थे। इनमें से कई कंपनियों ने अपने उद्योग लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यूपीसीडा के अधिकारियों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में करीब 1100 प्लॉट ऐसे हैं, जहाँ पिछले आठ साल से कोई काम शुरू नहीं हो सका है। अब इन जमीनों को वापस लेकर उन्हें नई इंडस्ट्री के लिए आवंटित किया जाएगा।
जिलाधिकारियों को निर्देश
साथ ही, हर जिलाधिकारी को अपने जिले में कम से कम 15 एकड़ या उससे अधिक जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं, जो इंडस्ट्री के लिए उपयुक्त हो। इससे प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को जमीन मिलने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
इस नई पहल से उत्तर प्रदेश में न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के भी अनेक अवसर खुलेंगे। जानें कैसे सरकार की यह योजना प्रदेश की तस्वीर बदलने जा रही है।
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