उत्तर प्रदेश में मानसून की आहट के साथ ही बाढ़ से निपटने की तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू



जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में मानसून नजदीक आ रहा है, राज्य सरकार ने बाढ़ से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ से निपटने का पूरा खाका तैयार किया जाए, ताकि प्रदेशवासियों और उनके मवेशियों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश में 20 से 25 जून के बीच मानसून दस्तक दे सकता है। इस संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश को तीन हिस्सों में बांट दिया है। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि इन हिस्सों में अतिसंवेदनशील श्रेणी में 29, संवेदनशील श्रेणी में 11 और सामान्य श्रेणी में 35 जिले शामिल हैं। इन जिलों में विशेष निगरानी के लिए टीमों का गठन कर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इन टीमों में सिंचाई, कृषि और पशुपालन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।

बाढ़ से निपटने के लिए विशेष टीमें तैनात

बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 7 टीमें, एसडीआरएफ की 18 टीमें और पीएसी की 17 टीमों को तैनात किया जा चुका है। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा बाढ़ की अवधि में मौसम विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और केंद्रीय जल आयोग से रिपोर्ट प्राप्त कर दैनिक समीक्षा का रोस्टर तैयार कर लिया गया है, ताकि बाढ़ प्रबंधन के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जा सके।

आपदा मित्रों और वालंटियर्स को प्रशिक्षण

राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को भी एक्टिव कर दिया गया है, जहां चौबीसों घंटे राहत हेल्पलाइन 1070 के लिए 20 सीटर कॉल सेंटर संचालित हैं। इसके माध्यम से बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात अधिकारियों को एसएमएस और वॉयस कॉल के माध्यम से वास्तविक स्थिति से अपडेट किया जाएगा।


सभी जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा समेत डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं, जिन्हें राज्य स्तरीय राहत कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। इसके अलावा 400 आपदा मित्रों की तैनाती की गई है, जिन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग के साथ यूनिफार्म, आईडी कार्ड, सर्टिफिकेट तथा इमरजेंसी रिस्पांडर किट उपलब्ध कराई गई है। साथ ही 10,500 वालंटियर्स को भी प्रशिक्षण दिया गया है।

संक्षेप में:

1. तीन भागों में बांटा प्रदेश: अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और सामान्य श्रेणियों में।

2. विशेष टीमें तैनात: एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की संयुक्त टीमें।

3. इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर: राज्य और जिला स्तर पर सक्रिय।

4. आपदा मित्र और वालंटियर्स: 400 आपदा मित्र और 10,500 वालंटियर्स प्रशिक्षित।

इस व्यापक तैयारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि मानसून के दौरान बाढ़ की किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। 

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