योग को दिनचर्या में करें शामिल: सेहत का अनमोल खजाना


इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट

मछली शहर (जौनपुर) - अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे देश में लोग योगाभ्यास कर अपनी दिनचर्या की शुरुआत कर रहे थे। इसी कड़ी में प्राथमिक विद्यालय गोहका परिसर में भी एक विशेष योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने योग के महत्त्व को समझते हुए और आवश्यक टिप्स प्राप्त करते हुए योगाभ्यास किया।


विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार दुबे ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें अपने दिनचर्या में योग को अवश्य शामिल करना चाहिए। इससे हमारा शरीर निरोगी रह सकेगा और मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि योग एक प्राचीन विधा है जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।


योग के अद्वितीय लाभ


इस अवसर पर भाजपा नेता ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि योग दैनिक जीवन की वह खुराक है जिसे निरंतर करने वाला मनुष्य सदैव चुस्त-दुरुस्त रहता है। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। नियमित योगाभ्यास से व्यक्ति गंभीर बीमारियों से भी राहत पा सकता है, जो दवाइयों से संभव नहीं हो पाता।


समाज के लिए योग का संदेश


इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के सदस्य भी उपस्थित थे। उन्होंने योग के प्रति जागरूकता फैलाने और इसे जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए सहयोग की बात कही। इस कार्यक्रम में इंद्रमणि तिवारी, मंथन, भूमि, सरिता, आयुष सहित अन्य लोगों ने भी भाग लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि योग से न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।


योगाभ्यास के दौरान दिए गए टिप्स


कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, और ध्यान के बारे में विस्तार से बताया गया। इन योगासनों के नियमित अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मन को शांति मिलती है। उपस्थित लोगों ने इन योगासनों का अभ्यास करते हुए योग के महत्व को समझा और अनुभव किया।


अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व


अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योग के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना था। यह दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य योग के प्रति जागरूकता फैलाना और इसे वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करना है। इस दिन का चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है और योग भी जीवन को लंबा और स्वस्थ बनाने का माध्यम है।


योग: आधुनिक जीवनशैली में जरूरी


आज की व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली में योग का महत्व और भी बढ़ गया है। जहां एक ओर हमारी दिनचर्या अनियमित हो गई है, वहीं दूसरी ओर मानसिक तनाव और शारीरिक समस्याओं ने हमें घेर रखा है। ऐसे में योग न केवल हमें शारीरिक बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है।


योग को जीवन का हिस्सा कैसे बनाएं


प्रधानाध्यापक अनिल कुमार दुबे ने बताया कि योग को जीवन का हिस्सा बनाना बहुत ही सरल है। उन्होंने कहा कि दिन की शुरुआत योगासन और प्राणायाम से करें। प्रतिदिन सुबह सिर्फ 20-30 मिनट का योगाभ्यास आपके जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा कि योग से हमें मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।


स्कूलों में योग की शिक्षा


कार्यक्रम के अंत में प्रधानाध्यापक ने घोषणा की कि प्राथमिक विद्यालय गोहका में नियमित योग कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि बच्चों में योग के प्रति जागरूकता फैलाना और उन्हें इसके लाभों से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है। इससे न केवल बच्चों का शारीरिक विकास होगा बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी प्राप्त होगा।


इस प्रकार, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित इस योगाभ्यास कार्यक्रम ने सभी को योग के प्रति जागरूक किया और इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया। योग न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी आवश्यक है।

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