75वें सालाना उर्स में हजरत हाफिज इब्राहीम शाह के जीवन की प्रेरक गाथा, 2700 बीघा जमीन गरीबों में बांटी!



ग्राम सरावा में 75वें उर्स कादरी इब्राहीमी राजशाही में हजरत हाफिज इब्राहीम शाह की गरीबों के प्रति सेवा की प्रेरक कहानी।


ग्राम सरावा में इस साल भी 75वें सालाना उर्स कादरी इब्राहीमी राजशाही का आयोजन भव्य तरीके से किया गया। इस महफिल की शुरुआत तिलावत-ए-कलाम-ए-पाक से हाफ़िज़ कारी अब्दुल कादिर साहब ने की। दरगाह के सज्जादा नशीन पीरे तरीकत हजरत मौलाना हमीदुल्लाह राजशाही इब्राहीमी अलीमी की सरपरस्ती में महफिल का आयोजन हुआ, जिसकी सदारत हज़रत अल्लामा शम्स कादरी साहब, प्रिंसिपल मदरसा इस्लामिया अरबिया अंदर कोर्ट ने की।


निज़ामत के फ़राइज़ हज़रत सैय्यद केसर खालिद साहब और हाफ़िज़ ताहिर साहब अशरफी ने अंजाम दिए। इस मौके पर मेहमाने खुसूसी मुफ्ती रहमतुल्लाह साहब मिस्बाही ने अपनी तकरीर में हजरत हाफिज इब्राहीम शाह की तारीफ की, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी गरीबों की सेवा और रब की इबादत में गुजार दी। मुफ्ती इश्तियाक उल कादरी साहब ने भी हजरत हाफिज इब्राहीम की महानता पर रौशनी डाली, जिन्होंने अपनी 2700 बीघा जमीन गरीबों में बांट दी और हर किसी की मदद की, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो।


इस मौके पर मुफ्ती वासीफ साहब, मुफ्ती रहीस साहब, कारी इसरार राजशाही और हाफिज मोहम्मद उमर ने भी अपनी तकरीर पेश की। शायरे इस्लाम इंतखाब आलम संभली राजशाही ने अपनी लाजवाब शायरी से महफिल में चार चांद लगा दिए। अन्य शायरों जैसे हाफिज दानिश, सूफी शफीक, आमिर मेरठी, नूर मो. जिगर मिस्बाही, फिरोज राजशाही ने भी अपनी शायरी से समां बांधा।


उर्स में चादर और गुलपोशी की रस्म अदा की गई, और लंगर पेश किया गया। इस मौके पर सभी धर्मों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दरगाह के सज्जादा नशीन पीरे तरीकत हजरत मौलाना हमीदुल्लाह राजशाही इब्राहीमी अलीमी ने भारत में अमन-शांति, आपसी भाईचारे और देश की तरक्की के लिए दुआ कराई, जिसमें सैकड़ों लोगों ने आमीन कहा।



इस उर्स शरीफ में हाजी दीन मोहम्मद, सूफी मोहम्मद अली, सूफी निशात उल्लाह, इनामुल्लाह खान, सूफी अशफाक, सूफी अशरफ उल्लाह, सूफी शकील, जियाउल्लाह, समीर खान, डॉक्टर शोएब, हाजी अब्दुल करीम, असदुल्लाह, बशारत खान, इमरान खान, सलाउद्दीन सेफी, सूफी नईम, शमशाद खान, सोनू, फजरो, गुड्डू खान, शब्बू खा, नासिर खान, खुर्रम खान, इरफ़ान खान, शमशाद प्रधान, जिक्रया खा, अशरफ खान सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ