चिपचिपाती गर्मी में यूपी बेहाल: बिजली कटौती पर विधानसभा में संग्राम, विपक्ष-सरकार में तकरार!




चिपचिपाती गर्मी से यूपी बेहाल, बिजली कटौती का मुद्दा विधानसभा में गर्माया, विपक्ष-सरकार में तकरार, जनता त्रस्त।


चिपचिपाती गर्मी में यूपीवाले बेहाल हैं। सूबे के कई शहरों में बिजली कटौती से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष भी इस समस्या से परेशान है। विधानसभा में इस मुद्दे पर गरमा-गरम बहस हो चुकी है, जहां सपा विधायक आक्रामक हुए।


गर्मी ने लोगों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुँच चुका है, जिससे न केवल दिन बल्कि रातें भी बेहद कठिन हो गई हैं। पसीना पोछते और हाथ वाले पंखे चलाते हुए लोग थक चुके हैं। अस्पतालों में अघोषित बिजली कटौती से इलाज में बाधा आ रही है, जबकि स्कूलों में पढ़ाई ठप हो रही है।


गोरखपुर से लेकर गाजियाबाद तक, हर शहर में बिजली कब आती है और कब जाती है, किसी को पता नहीं चलता। सपा विधायक ओम प्रकाश सिंह ने विधानसभा में कहा कि बिजली देवी हो गई हैं, कब आएंगी कब जाएंगी किसी को नहीं पता। सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने आरोप लगाया कि बिजली कंपनियां घटिया तार लगा रही हैं और लोगों को भारी परेशानी हो रही है।


सत्ता पक्ष के नेता भी इससे अछूते नहीं हैं। सुल्तानपुर के विधायक विनोद सिंह ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखा और डीएम के साथ मीटिंग की। हमीरपुर की विधायक मनीषा अनुरागी ने भी बिजली घर जाकर अधिकारियों को फटकार लगाई। 


जनता इस समस्या से त्रस्त है और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे किससे शिकायत करें। सपा ने बिजली कटौती के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कानपुर में प्रदर्शन किया। 


गर्मी के कारण किसानों की भी परेशानी बढ़ गई है। फसल की सिंचाई करने के लिए बिजली की जरूरत होती है, लेकिन बिजली कटौती ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। वहीं, व्यापारियों का कहना है कि बिजली न होने से उनके व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ रहा है। 


उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती का मुद्दा गर्मियों में सबसे बड़ा संकट बन गया है, जो न केवल आम जनता बल्कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। जनता उम्मीद कर रही है कि सरकार जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालेगी।

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