भोले बाबा के सफेद सूट का रहस्य: सच्चाई की निशानी या कुछ और?



हाथरस कांड के बाद से भोले बाबा की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। उनके सत्संग में उमड़ी भीड़ में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से भोले बाबा चर्चा में आ गए। उनका रहन-सहन और कपड़े तक पर चर्चाएं होने लगीं। 


2 जुलाई को हाथरस में दोपहर 2 बजे मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद से नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की चर्चाएं बढ़ गईं। उनका सफेद सूट पहनना भी चर्चा का विषय बन गया। 


भोले बाबा अपने सत्संग कार्यक्रमों में सफेद सूट और काले जूते पहनकर आते हैं। इस ड्रेस को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती रही हैं। कासगंज के बहादुरनगर स्थित उनके पहले आश्रम से इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।


सेवादार राजपाल सिंह यादव उर्फ खन्ना जी ने बताया कि सफेद सूट का कोई खास लॉजिक नहीं है, लेकिन सफेद रंग सच्चाई का प्रतीक है। भोले बाबा हमेशा मानवता की बात करते हैं और मानव सेवा को सर्वोत्तम धर्म मानते हैं। 


उन्होंने कहा कि सफेद सूट को सच्चाई से जोड़ा जा सकता है। झूठ का रंग काला होता है, वहीं सच का रंग सफेद। उनके बातों में मानवता और सच्चाई का रंग साफ दिखता है। 


हाथरस भीड़ में भगदड़ की वजह अराजक तत्वों को करार देते हुए खन्ना जी ने कहा कि भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी जिन पर थी, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।


इस प्रकार, भोले बाबा के सफेद सूट पहनने के पीछे कोई विशेष रहस्य नहीं है, बल्कि यह सच्चाई और मानवता का प्रतीक है।

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