हाथरस में कथित बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 122 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में प्रदेश की सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। हाथरस कांड पर योगी सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। हाथरस में कथित भोले बाबा के सत्संग में उमड़ी भीड़ को संभालने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे। इस मामले में अब तक सामने आए इनपुट के बाद योगी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। कई अफसरों पर एक-दो दिन में गाज गिरना तय माना जा रहा है।
हाथरस के थाना सिकंदराराऊ के गांव मुगलगढ़ी में बीती दो जुलाई को सूरजपाल जाटव उर्फ साकार विश्व हरि भोले बाबा का सत्संग हुआ था। सत्संग समाप्त होते ही बाबा की चरण रज लेने के लिए भीड़ दौड़ी और भगदड़ मच गई। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
शासन के उच्चपदस्थ सूत्र बताते हैं कि स्थानीय अधिकारियों ने भीड़ प्रबंधन के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए। हालांकि, स्थानीय पुलिस का कहना है कि भोले बाबा के आश्रम में पुलिस कर्मियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। इसलिए भीड़ के प्रबंधन में दिक्कतें आती हैं।
वहीं, इस हादसे के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है कि सत्संग समाप्ति के बाद भोले बाबा की कार के हाईवे पर आने के बाद उसे बाहर की तरफ निकाला जाना चाहिए था। अगर ट्रैफिक व भीड़ प्रबंधन के तहत ऐसा किया जाता तो शायद इस दर्दनाक हादसे से बचा जा सकता था। तब लोगों को उतनी बड़ी संख्या में भोले बाबा की कार के नजदीक पहुंचने की नौबत ही नहीं आती। जिन अधिकारियों की यह जिम्मेदारी थी, उन्हें चिह्नित कर लिया गया है।
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